विद्यार्थियों की सोच, रचनात्मकता और समस्या समाधान क्षमता को विकसित करेगी नई शिक्षा नीति
एनसीईआरटी की पांच दिवसीय कार्यशाला का समापन अजमेर, 22 अगस्त(हि.स.)। नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों में सोच, रचनात्मकता और समस्या समाधान की क्षमता विकसित करेगी। विद्यार्थियों की परीक्षा, प्रश्न-पत्र, अंकन और मूल्यांकन में भी उनके समग्र विकास का आकलन क
विद्यार्थियों की सोच, रचनात्मकता और समस्या समाधान क्षमता को विकसित करेगी नई शिक्षा नीति


विद्यार्थियों की सोच, रचनात्मकता और समस्या समाधान क्षमता को विकसित करेगी नई शिक्षा नीति


एनसीईआरटी की पांच दिवसीय कार्यशाला का समापन

अजमेर, 22 अगस्त(हि.स.)। नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों में सोच, रचनात्मकता और समस्या समाधान की क्षमता विकसित करेगी। विद्यार्थियों की परीक्षा, प्रश्न-पत्र, अंकन और मूल्यांकन में भी उनके समग्र विकास का आकलन किया जाएगा। शिक्षक भी उसी अनुरूप प्रश्न-पत्र तैयार करेंगे।

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर एवं परख, एनसीईआरटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पाँच दिवसीय कार्यशाला शुक्रवार को सम्पन्न हुई। अंतिम दिन प्रथम सत्र में मास्टर ट्रेनर्स ने प्रतिभागियों को प्रश्न निर्माण की तकनीक समझाई। इसमें प्रश्नों के प्रकार, कठिनाई स्तर, पाठ्यक्रम का संतुलन, तथा विद्यार्थियों की सोचने-समझने की क्षमता को ध्यान में रखकर प्रश्न तैयार करने पर विशेष चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने भी प्रश्न निर्माण का अभ्यास किया।

द्वितीय सत्र में प्रश्नों की व्यवस्था और अंकन योजना बनाने पर जोर दिया गया। प्रशिक्षकों ने बताया कि प्रश्न पत्र का उद्देश्य केवल ज्ञान का आकलन नहीं, बल्कि विद्यार्थियों की सोच, रचनात्मकता और समस्या समाधान क्षमता को भी परखना होना चाहिए।

तृतीय सत्र में प्रतिभागियों ने स्वयं संतुलित प्रश्न पत्र तैयार किए और उसमें अंकन योजना जोड़ी। इस दौरान मास्टर ट्रेनर्स ने मार्गदर्शन देते हुए त्रुटियों को सुधारने और प्रश्नों की स्पष्टता बढ़ाने के सुझाव दिए।

चतुर्थ सत्र में विभिन्न समूहों ने अपने-अपने प्रश्न पत्र प्रस्तुत किए। प्रस्तुतियों पर विशेषज्ञों ने रचनात्मक प्रतिक्रिया दी और अच्छे प्रश्नों की विशेषताओं जैसे स्पष्ट भाषा, विविधता, स्तरानुसार कठिनाई एवं मूल्यांकन योजना की गुणवत्ता पर विस्तार से चर्चा की।

इसी तरह अंतिम सत्र में प्रश्नोत्तर का दौर चला तथा कार्यशाला के वे फॉरवर्ड पर विचार रखा गया। प्रतिभागियों ने इस अनुभव को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे उनकी प्रश्न निर्माण क्षमता, मूल्यांकन संबंधी दृष्टि और शैक्षिक गुणवत्ता में गहराई आई है। प्रतिभागियों ने इसे शिक्षा व्यवस्था में सुधार एवं अपनी व्यावसायिक दक्षता के लिए एक महत्त्वपूर्ण अवसर बताया।

कार्यशाला के समापन समारोह में बोर्ड ओएसडी नीतू यादव ने संबोधित करते हुए समस्त संभागियों और रिसोर्स पर्सन का आभार व्यक्त किया और समस्त संभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। वित्तीय सलाहकार रश्मि बिस्सा ने भी प्रश्न पत्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका का महत्व बताया।

इस अवसर पर वरिष्ठ सहायक निदेशक शैक्षिक प्रवीण कुमार शर्मा, सहायक निदेशक उमेश चौरसिया, अजय बंसल उपस्थित रहे। मंच संचालन राजीव चतुर्वेदी ने किया।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / संतोष