यमुना व बेतवा नदियां अपना रौद्र रूप दिखाकर हुई शांत
यमुना व बेतवा नदिया अपना रौद्र रूप दिखाकर  हुई शांत


दोनों नदियों का जल स्तर घटने लगा, लोगों ने ली राहत की सांस हमीरपुर, 2 अगस्त (हि.सं.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में प्रवाहित होने वाली यमुना और बेतवा नदियाें का रौद्र रूप अब कमजाेर हाे रहा है। रात से नदियों का जलस्तर ठहर गया और सुबह से बेतवा नदी घटने लगी है। वहीं बाढ़ से चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है। अभी भी दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ प्रभावित लोग बाढ़ राहत शिविर में डेरा जमाए हैं। जहां उनके खाने पीने आदि की व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

बीते दिनों बांधों से लगातार पानी छोड़े जाने से मुख्यालय में प्रवाहित होने वाली दोनों नदियां खतरे के निशान से कई मीटर ऊपर बह रही थी। मौदहा बांध के सहायक अभियंता सर्वजीत वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को कोटा बैराज से 0.15 लाख क्यूसेक, माताटीला बांध से 0.96 लाख क्यूसेक तथा लहचूरा बांध से 0.18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। शनिवार को नदियों में लहचूरा बांध से 76000 क्यूसेक, माताटीला बांध से 52112 क्यूसेक, कोटा बैराज से 11097 व मौदहा डेम से 1500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। फिलहाल नदियों का जल स्तर शुक्रवार रात में स्थित हो गया था। जो शनिवार सुबह आते आते घटने लगी। शुक्रवार रात 12 बजे यमुना नदी का अधिकतम जल स्तर 107.320 मीटर पर पहुंचा। इसके बाद बढ़ने की रफ्तार पर ब्रेक लग गया। हालांकि अभी भी यमुना नदी खतरे के निशान से करीब 2.59 मीटर ऊपर बह रही है। जबकि बेतवा नदी का अधिकतम जलस्तर 106.810 मीटर तक पहुंचा और उसके बाद स्थिर हो गई। शनिवार को सुबह बेतवा नदी घटने लगी। हालांकि बेतवा नदी अभी खतरे के निशान से करीब 2.22 मीटर ऊपर बह रही है। वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्र यमुना घाट, बेतवा घाट, मेरापुर, डिग्गी, कुछेछा, शंकरी पीपल, चंदुलीतीर, केसरिया का डेरा, जौहरिया का डेरा आदि स्थानों में बाढ़ का पानी घुसने से यहां के लोगों को सुरक्षित बाढ़ राहत शिविरों में डेरा डाल लिया है। लोग अपने मवेशी भी राहत शिविरों में ले गए है। जहां दोनों समय जिला प्रशासन व नगर पालिका की ओर से खाना उपलब्ध कराया जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा