सोटो ने नेत्रदान करनेवाले लोगों के परिजनों को किया सम्मानित
अंगदान करनेवाले लोगों के परिजनों को सम्‍मानित करते निदेशक


रांची, 2 अगस्त (हि.स.)। झारखंड (स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन) ने शनिवार को रिम्स में विशेष सम्मान समारोह का आयोजन कर नेत्रदान करने वाले दिवंगत लोगों के परिजनों को सम्मानित किया।

इस अवसर पर समाज में अंगदान के महत्व को रेखांकित करते हुए जागरूकता का संदेश भी दिया गया।

इस समारोह में दिवंगत सुशांत सिंह का विशेष उल्लेख किया गया। सुशांत के परिवार ने वर्ष 2023 में लंदन में उनका अंगदान किया था। सुशांत सिंह के पिता ने वीडियो संदेश के माध्यम से अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगता है जैसे मेरा बेटा आज भी जीवित है। उसके अंगों के माध्यम से कई लोगों को नई ज़िंदगी मिली है।

ब्रेन डेथ की पुष्टि के बाद अंगदान नहीं हो पा रहा : निदेशक

कार्यक्रम में रिम्से के निदेशक प्रो (डॉ) राजकुमार, डीन प्रो (डॉ) शशि बाला सिंह, नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार, सोटो झारखंड के नोडल पदाधिकारी डॉ राजीव रंजन उपस्थित थे।

मौके पर निदेशक ने कहा कि जब किसी व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित कर दिया जाता है तो अंगदान को लेकर लोगों में हिचक क्यों है। आज भी ब्रेन डेथ की पुष्टि के बाद अंगदान नहीं हो पा रहा है। यही स्थिति कुछ वर्ष पहले रक्तदान को लेकर भी थी, लेकिन जागरूकता आने के बाद स्थिति बदली। अब अंगदान के लिए भी हमें समाज में जागरूकता फैलानी होगी। मीडिया और आम जनता को इसमें अहम भूमिका निभानी चाहिए। जब अंग दूसरों को जीवन दे सकते हैं, तो उन्हें व्यर्थ क्यों जाने दें। साथ ही

उन्होंने कहा कि, अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए रिम्स प्रतिबद्ध है।

सम्मान समारोह में जिन मृत नेत्रदाताओं के परिजनों को सम्मानित किया गया, उनमें ईश्वर सिंह, राम रतन राम, शारदा वोरा और हराधन महतो का नाम शामिल है।

इन सभी परिवारों को सोटो, झारखंड की ओर से सर्टिफिकेट और शॉल देकर उनके अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान, रिम्स क्विज सोसायटी के 2022 बैच के छात्रों ने पोस्टर मेकिंग, फेस पेंटिंग और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में छात्रों ने अंगदान जैसे संवेदनशील विषय पर अपनी रचनात्मकता के माध्यम से जागरूकता फैलाई।

सोटो झारखंड के इस पहल की सराहना करते हुए सभी वक्ताओं ने समाज से आह्वान किया कि वे अंगदान के लिए आगे आएं और मृत्यु के बाद भी किसी और के जीवन को रौशन करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak