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- बीएलओ पर्यवेक्षकों के पारिश्रमिक भी वृद्धि, ईआरओ और एईआरओ को मानदेय देने का भी फैसला
भोपाल, 2 अगस्त (हि.स.)। निर्वाचन आयोग ने बूध लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के वार्षिक पारिश्रमिक को दोगुना करने और मतदाता सूचियों की तैयारी एवं पुनरीक्षण में शामिल बीएलओ पर्यवेक्षकों के पारिश्रमिक में भी वृद्धि करने का निर्णय लिया है। पिछला ऐसा संशोधन वर्ष 2015 में किया गया था। साथ ही पहली बार निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओएस) और सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एईआरओएस) के लिए मानदेय बढ़ाया गया है। यह जानकारी शनिवार को सहायक निर्देशक अपूर्व कुमार सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि 2015 से विद्यमान लेवल अधिकारी (बीएलओ) 6000 से 12000 रुपये, मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए बीएलओ को प्रोत्साहन राशि 1000 से 2000 रुपये, बीएलओ पर्यवेक्षक से 12000 से 18000 रुपये, एईआरओ का शून्य से संशोधित कर 25000 रुपये एवं ईआरओ का शून्य अब संशोधित कर 30000 रुपये किया गया है। इसके अलावा आयोग ने बिहार से प्रारंभ होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए बीएलओ के लिए 6,000 रुपये के विशेष प्रोत्साहन को भी मंजूरी दी थी।
उन्होंने बताया कि बताया कि मतदाता सूचियां लोकतंत्र की आधारशिला हैं। निष्पक्ष एवं पारदर्शी मतदाता सूचियां तैयार करने में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, बीएलओ पर्यवेक्षक और बूथ लेवल अधिकारी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यह निर्णय निर्वाचन आयोग की उन चुनाव कर्मियों को पर्याप्त मुआवजा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो सटीक मतदाता सूची बनाए रखने, मतदाताओं की सहायता करने और चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए क्षेत्र स्तर पर अथक परिश्रम करते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर