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अंबिकापुर, 2 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के क्रियान्वयन में घोर लापरवाही और गैरहाजिरी का खामियाजा अब पंचायत सचिवों को भुगतना पड़ रहा है। सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित समीक्षा बैठक में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद दो ग्राम पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, जबकि एक सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जनपद पंचायत अंबिकापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत पम्पापुर के सचिव शम्भूशंकर सिंह और जनपद पंचायत सीतापुर के ग्राम पंचायत गेरसा के सचिव मनबहाल राम, दोनों ही बिना किसी पूर्व सूचना के बैठक से अनुपस्थित पाए गए। इनकी पंचायतों में स्वीकृत आवासों की स्थिति भी चिंताजनक पाई गई। पम्पापुर में 31 में से एक भी आवास पूर्ण नहीं हुआ, जबकि गेरसा में 24 में से केवल 7 आवासों का कार्य पूरा हुआ है। इन मामलों को शासन की महत्वाकांक्षी योजना के प्रति घोर उदासीनता मानते हुए, दोनों सचिवों को छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (आचरण) नियम 1998 के तहत निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में शम्भूशंकर सिंह का मुख्यालय जनपद अंबिकापुर और मनबहाल राम का जनपद सीतापुर नियत किया गया है। दोनों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता दी गई है।
इसी बैठक में जनपद पंचायत लुण्ड्रा के ग्राम पंचायत रघुपुर के सचिव श्याम कुमार गुप्ता को भी कठोर चेतावनी दी गई। रघुपुर पंचायत में 67 आवास स्वीकृत हैं, लेकिन आज तक एक भी पूरा नहीं हो सका। योजना में गंभीर लापरवाही के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसमें तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश है। निर्धारित समयावधि में संतोषजनक उत्तर न मिलने पर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारस नाथ सिंह