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अंबिकापुर, 2 अगस्त (हि.स.)। सरगुजा वनमण्डल में लगातार हाथियों की आवाजाही और मानव-हाथी संघर्ष की घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। वन क्षेत्र में एक मादा हाथी और एक नर हाथी (बच्चा) के साथ-साथ दस हाथियों के एक दल की सक्रिय मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए, सरगुजा जिले में हाथियों से बचाव और निगरानी के लिए सात विशेष दल गठित किए गए हैं।
जशपुर वनमण्डल से सरगुजा क्षेत्र में आए इन हाथियों के कारण कई वन ग्रामों में दहशत का माहौल है। हाल ही में सीतापुर वन परिक्षेत्र में 31 जुलाई को एक व्यक्ति की हाथी हमले में मौत हो गई, वहीं लुण्ड्रा क्षेत्र में भी एक दंतैल हाथी तीन लोगों की जान ले चुका है। इसके अलावा मैनपाट क्षेत्र में हाथियों का 10 सदस्यीय दल लगातार विचरण कर रहा है, जिससे ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
अपर कलेक्टर सरगुजा के निर्देश पर गठित इन सात निगरानी दलों में संबंधित परिक्षेत्रों के वनपाल, बीटगार्ड/वनरक्षक, राजस्व निरीक्षक, हल्का पटवारी, थाना क्षेत्र के दो आरक्षक, पंचायत सचिव और कोटवार शामिल रहेंगे। यह दल न केवल हाथियों की निगरानी करेंगे, बल्कि वन क्षेत्र से लगे कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने, आसपास के गांवों को सतर्क करने और लोगों को जागरूक करने का कार्य भी करेंगे।
सुरक्षा दलों की तैनाती अम्बिकापुर, लुण्ड्रा (बीट लमगांव पी-2618 और बीट लुण्ड्रा पी-2686), लखनपुर, उदयपुर, सीतापुर (बीट देवगढ़ के कक्ष क्रमांक पी-2367 और पी-2368), तथा मैनपाट के बीट नर्मदापुर (पी-2354) क्षेत्र में की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारस नाथ सिंह