2047 तक शिक्षित भारत का संकल्प शिक्षा से ही संभव : शक्ति सिंह राठौड़
अजमेर, 18 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रशासक एवं संभागीय आयुक्त शक्ति सिंह राठौड़ ने कहा कि होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एचपीसी) समय की जरूरत है और वर्ष 2047 तक विकसित एवं शिक्षित भारत का लक्ष्य केवल शिक्षा के माध्यम से ही पूरा कि
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड शिक्षा के विकास में शिक्षकों की अहम भूमिका, नई शिक्षा नीति समग्र विकास की वाहक-  राठौड़


राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड शिक्षा के विकास में शिक्षकों की अहम भूमिका, नई शिक्षा नीति समग्र विकास की वाहक-  राठौड़


अजमेर, 18 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रशासक एवं संभागीय आयुक्त शक्ति सिंह राठौड़ ने कहा कि होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एचपीसी) समय की जरूरत है और वर्ष 2047 तक विकसित एवं शिक्षित भारत का लक्ष्य केवल शिक्षा के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के दौर में शिक्षकों की भूमिका और भी अहम हो गई है। राठौड़ सोमवार को अजमेर में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं एनसीईआरटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यशाला 18 से 22 अगस्त तक आयोजित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत अब मूल्यांकन केवल अंकों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि विद्यार्थियों की समग्र क्षमताओं, जीवन कौशल, अभिरुचि और व्यक्तित्व विकास को भी परिलक्षित करेगा। होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड विद्यार्थियों की शिक्षा यात्रा का संपूर्ण प्रतिबिंब होगा। राठौड़ ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे इस प्रशिक्षण का गंभीरता से लाभ लेकर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के वाहक बनें। उन्होंने कहा कि जैसे डार्विन के सिद्धांत के अनुसार बदलाव को अपनाने वाला ही सफल होता है, वैसे ही शिक्षा क्षेत्र में भी परिवर्तन को अपनाना जरूरी है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दौर में शिक्षा में बड़े बदलाव होंगे और शिक्षकों को इसके लिए तैयार रहना होगा।

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड की अवधारणा और प्रश्न पत्र निर्माण की मानकीकृत टेम्पलेट प्रणाली से अवगत कराना है। विशेषज्ञ शिक्षकों को समूह गतिविधियों, व्याख्यान और प्रत्यक्ष अभ्यास के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेंगे। इस प्रशिक्षण के बाद शिक्षक राज्यभर में मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि संतुलित और योग्यता-आधारित प्रश्न पत्र विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में मददगार होंगे। साथ ही, बोर्ड मूल्यांकन में नई शिक्षा नीति के अनुरूप नवाचार की दिशा में भी कदम उठाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / संतोष