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जयपुर, 18 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश के अनेक स्कूलों द्वारा राइट टू एजुकेशन के तहत प्रवेश नहीं देने मामला लगातार गर्माता जा रहा है। सोमवार को संयुक्त अभिभावक संघ के तत्वावधान में बड़ी संख्या में अभिभावक जुटे ओर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से मुलाकात कर आरटीई में बच्चों को अभी तक दाखिला नहीं देने पर गुहार लगाई। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा निदेशक सीताराम जाट से वार्ता कर संज्ञान लेने को कहा और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अभिभावकों की पीड़ाओं को समझते हुए आंदोलन करने की चेतावनी दी।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि पिछले चार माह से अभिभावक शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री तक के चक्कर काट काटकर ना केवल अपने आपको प्रताड़ित महसूस कर रहे थे बल्कि अपने आपको ठगा सा तक महसूस करने लगे थे। धरना प्रदर्शन, ज्ञापन सब कुछ देने के बावजूद राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की नींद नहीं टूट रही थी, इसलिए संयुक्त अभिभावक संघ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का दरवाजा खटखटाया और दोनों ने ही मौके पर अभिभावकों को खुला समर्थन प्रदान किया, जिससे अभिभावकों में न्याय की आशा बनी रही। सोमवार अभिषेक जैन बिट्टू के नेतृत्व में अजय आर्य, एडवोकेट लोकेश चंदेलिया, एडवोकेट संतोष, रिंकू श्रीमाल, संदीप शर्मा, रवि खंडेलवाल सहित 50 से अधिक अभिभावकों ने पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री के समक्ष अपनी पीड़ा रखी।
जैन ने बताया कि सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री से मिलने के बाद शिक्षा निदेशक ने फोन कॉल कर उन सभी स्कूलों की जानकारी मांगी थी जो दाखिले नहीं दे रहे हैं। साथ उन्होंने जानकारी दी कि वह आज ही शिक्षा अधिकारी को सख्त निर्देश जारी कर दाखिला सुनिश्चित करने की कार्रवाई करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश