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उदयपुर, 10 अगस्त (हि.स.)।
संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में चल रहे संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत रविवार को प्रताप गौरव केंद्र में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए पौधों के नाम संस्कृत में लिखे गए।
इस अवसर पर नीम (निंबवृक्ष), आशापाल (अशोक:), गुलाब (पाटलपुष्पम्), नींबू (जम्बीरफलम्), आम (आम्रफलम्), केला (कदलीफलम्), अनार (दाडिमफलम्), जामून (जम्बूफलम्) और बेर (बदरीफलम्) सहित कई प्रकार के पौधे रोपे गए। प्रत्येक पौधे के साथ उसका संस्कृत नाम उच्चारित कर उपस्थित जनों को उसका अर्थ और महत्व भी बताया गया।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो. कर्नल शिव सिंह सारंगदेवोत, ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, बड़गांव के समाजसेवी जितेंद्र नागदा और प्राचार्य शशांक टांक उपस्थित रहे। अतिथियों ने सामूहिक रूप से पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार का संदेश दिया।
अतिथियों ने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा है। पौधों के संस्कृत नाम जानने और उनका प्रयोग करने से भाषा के साथ-साथ प्रकृति के प्रति भी जुड़ाव बढ़ता है। पौधारोपण जैसे कार्य भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक हरित विरासत छोड़ने का प्रयास हैं।
कार्यक्रम में संयोजक नरेंद्र शर्मा श्रीयांश कंसारा, डॉ. रेनू पालीवाल, रेखा सिसोदिया, दुष्यंत नागदा, नरेंद्र शर्मा, भूपेंद्र शर्मा, सुनीता शर्मा, चैनशंकर दशोरा, रवींद्र सिंह रूपावत और कृतिकराज सिंह राठौड़ सहित अनेक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
सोमवार को संस्कृत विषय पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता