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विक्रांत मैसी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह इस दौर के सबसे उम्दा और विश्वसनीय कलाकारों में से एक हैं। फिल्म 12th फेल में उनकी गहराई से भरी परफॉर्मेंस के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब मिला है। विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित यह फिल्म असल जिंदगी के आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा की कहानी पर आधारित है। यह एक ऐसे युवक की प्रेरणादायक दास्तान है, जो बेहद साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर असाधारण सपने देखता है।
गरीबी, आत्म-संदेह और भारत की सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षा, यूपीएससी, से गुजरते हुए मनोज की जद्दोजहद और संघर्ष उम्मीद की मिसाल बन जाती है। इस सम्मान के साथ विक्रांत ने न सिर्फ अपने अभिनय कौशल को सिद्ध किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि वह सिनेमा की इस पीढ़ी की सबसे दमदार आवाज़ हैं।
यह नेशनल अवॉर्ड सिर्फ विक्रांत मैसी की मेहनत और समर्पण का प्रतीक नहीं है, बल्कि उनके करियर का एक बेहद अहम मील का पत्थर भी है। छोटे पर्दे से बड़े पर्दे तक का सफर उन्होंने एक ठोस अभिनय शैली, ईमानदारी और निरंतर विकास के साथ तय किया है। हर किरदार में वह एक नई गहराई और सच्चाई लेकर आते हैं, जो दर्शकों को सीधे जुड़ने का मौका देती है। हर नए प्रोजेक्ट में वह अपनी काबिलियत को नए सिरे से साबित करते हैं, और यही वजह है कि आज विक्रांत को इंडस्ट्री के सबसे विश्वसनीय और प्रतिभाशाली अभिनेताओं में गिना जाता है।
जल्द ही वह प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की बायोपिक में नजर आएंगे, यह भूमिका भी उनके लिए एक नई चुनौती होगी, जो उनके अभिनय के दायरे और विविधता को और विस्तार देगी। यादगार किरदारों से सजी उनकी फिल्मोग्राफी और अब नेशनल अवॉर्ड की उपलब्धि उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे सम्मानित और प्रभावशाली कलाकारों की कतार में खड़ा करती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / लोकेश चंद्र दुबे