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जम्मू/पुंछ 01 अगस्त (हि.स.)। जल शक्ति, वन पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण और जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद अहमद राणा ने आकांक्षा हाट का उद्घाटन किया। यह एक ऐतिहासिक पहल है जिसका उद्देश्य ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देना और पूरे क्षेत्र में जमीनी स्तर के समुदायों को सशक्त बनाना है।
इस उद्घाटन समारोह में स्वयं सहायता समूहों, स्थानीय कारीगरों, सरकारी अधिकारियों और आम जनता की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जिसने समावेशी और सतत ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्थापित, आकांक्षा हाट की संकल्पना स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण कारीगरों के लिए अपने उत्पादों के प्रदर्शन, प्रचार और बिक्री हेतु एक समर्पित मंच के रूप में की गई है। यह पहल ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और सीमावर्ती एवं जनजातीय क्षेत्रों में आजीविका के अवसरों को बढ़ाने के मुख्य उद्देश्यों पर आधारित है।
उद्घाटन समारोह के दौरान मंत्री महोदय ने हस्तनिर्मित वस्त्रों, पर्यावरण-अनुकूल शिल्प, जैविक उत्पादों और प्रसंस्कृत स्थानीय खाद्य पदार्थों से सुसज्जित विविध प्रकार के स्टॉलों का अवलोकन किया। राणा ने प्रदर्शनियों में प्रदर्शित रचनात्मकता, शिल्प कौशल और सांस्कृतिक समृद्धि की सराहना की और क्षेत्रीय परंपराओं के संरक्षण के प्रति समर्पण के लिए कारीगरों की सराहना की। उमर के नेतृत्व वाली सरकार की जमीनी स्तर पर आर्थिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, मंत्री ने ग्रामीण उत्पादकों, विशेष रूप से महिला-नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए स्थायी बाजार संपर्क बनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण परिवारों में दीर्घकालिक आर्थिक आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए ऐसे प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि आकांक्षा हाट की परिकल्पना केवल एक भौतिक बाजार के रूप में नहीं, बल्कि एक गतिशील और टिकाऊ पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में की गई है जो ग्रामीण उत्पादकों को उपभोक्ताओं और संस्थागत खरीदारों से सीधे जोड़ता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया