जेडीए एक लाख पौधे लगाकर गजाधरपुरा एसटीपी को बनाएगा हरा-भरा
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जयपुर, 1 अगस्त (हि.स.)। जयपुर विकास प्राधिकरण शहर को हरा-भरा बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। जेडीए गजाधरपुरा एसटीपी को ऑक्सीजोन में बदलने की योजना बना रहा है। इसके लिए जेडीए करीब दो करोड़ रुपये खर्च करेगा। गजाधरपुरा एसटीपी को ग्रीन जोन में तब्दील करने के लिए टेंडर सहित अन्य प्रक्रियाएं अंतिम चरण में है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जेडीए गजाधरपुरा एसटीपी में मियावाकी पद्धति से पौधारोपण करवाएगा। इसके लिए जेडीए ने 1.99 करोड़ रुपए का टेंडर किया है। एसटीपी पर मियावाकी पद्धति से करीब एक लाख पौधे लगाए जाएंगे। मियामांकी पद्धति से 5 से 10 फीट के पौधे लगाए जाएंगे। सघन पौधारोपण के माध्यम से एसटीपी का इलाके में पूरी तरह से ग्रीनरी छा जाएगी। गजाधरपुरा एसटीपी की 16 हेक्टेयर भूमि पर सघन पौधारोपण और तारबंदी की जाएगी। यह एसटीपी कालवाड़ रोड पर बना हुआ है। एसटीपी से सीवरेज का पानी पुरानी चुंगी से गुजरने वाली द्रव्यवती नदी में सीधे गिरने का मामला सामने आया था इसी पर एनजीटी ने जेडीए पर 3.82 करोड़ रुपयेे का पर्यावरणीय जुर्माना भी लगाया था। गजाधरपुरा में 30 एमएलडी का एसटीपी बना हुआ है। इस मामले में एनजीटी ने कलेक्टर को जमा धनराशि 33.75 लाख तुरंत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ट्रांसफर करने का आदेश भी दिया था। गौरतलब है कि राजधानी में हर दिन 550 एमएलडी से ज्यादा सीवर निकलता है. जबकि यहां जेडीए और निगम की ओर से महज 400 एमएलडी सीवर पानी को ट्रीट करने के लिए ही एसटीपी प्लांट है। ऐसे में फिलहाल 150 एमएलडी सीवर बिना शोधित हुए ही नदी-नालों में मिल रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश