मुख्य सचिव ने ’हर घर तिरंगा’ अभियान के शुभारंभ की तैयारियों की समीक्षा की
मुख्य सचिव ने ’हर घर तिरंगा’ अभियान के शुभारंभ की तैयारियों की समीक्षा की श्रीनगर 01 अगस्त (हि.स.)। मुख्य सचिव अटल डुल्लू की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक में चल रहे आज़ादी का अमृत महोत्सव समारोह के अंतर्गत 2 से 15 अगस्त तक आयोजित होने वाले राष्ट्रव्यापी ’हर घर तिरंगा अभियान 2025’ की तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में प्रमुख सचिव संस्कृति, आयुक्त सचिव सामान्य प्रशासन, प्रशासनिक सचिव, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और कई विभागाध्यक्ष उपस्थित थे। मुख्य सचिव ने इस अभियान को एक जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता पर बल दिया और विभागों से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने राष्ट्रीय गौरव, एकता और देशभक्ति की भावना के संदेश को मज़बूत करने के लिए स्कूली बच्चों, युवाओं और सभी क्षेत्रों के नागरिकों को शामिल करने का आह्वान किया। पिछले तीन वर्षों में अभियान की उल्लेखनीय सफलता के बाद इस वर्ष के संस्करण का उद्देश्य समुदाय-आधारित, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध गतिविधियों के माध्यम से इसके प्रभाव को और गहरा करना है जो पूरे जम्मू-कश्मीर में पंचायतों, शहरी वार्डों, शैक्षणिक संस्थानों और प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर आयोजित की जाएँगी। इस बैठक के दौरान संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव, बृज मोहन शर्मा ने बताया कि ’हर घर तिरंगा 2025’ अभियान पूरे केंद्र शासित प्रदेश में व्यापक जन भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु 2 से 15 अगस्त के बीच तीन अलग-अलग चरणों में चलाया जाएगा। 2 से 8 अगस्त तक चलने वाले प्रारंभिक चरण का उद्देश्य रचनात्मक पहलों के माध्यम से जागरूकता पैदा करना है। बताया गया कि इस चरण के तहत शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों को तिरंगा-थीम वाली दीवार पेंटिंग, भित्ति चित्र और रंगोली कला से सजाया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय द्वारा तैयार की गई प्रदर्शनियाँ स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में प्रदर्शित की जाएँगी। 9 से 12 अगस्त के बीच आयोजित होने वाला दूसरा चरण जन-आंदोलन और उत्सव पर केंद्रित होगा। भव्य सांस्कृतिक उत्सव और मेले आयोजित किए जाएँगे, जिनमें स्थानीय कला, शिल्प और उत्पादों, विशेष रूप से स्वयं सहायता समूहों द्वारा तिरंगे थीम पर निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। इस चरण में बाइक और साइकिल रैलियाँ, युवा परेड और सामुदायिक तिरंगा यात्राएँ भी होंगी जिनका उद्देश्य जन भागीदारी बढ़ाना है। बाज़ारों और सार्वजनिक क्षेत्रों को सजाया जाएगा, और राष्ट्रीय ध्वजों का वितरण मुख्य रूप से स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जाएगा। 13 से 15 अगस्त के बीच मनाए जाने वाले अंतिम चरण में ध्वजारोहण समारोह और प्रमुख सरकारी भवनों, संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों पर प्रकाश व्यवस्था की जाएगी। ध्वजारोहण के प्रमुख कार्यक्रम श्रीनगर और जम्मू में आयोजित किए जाएँगे। नागरिकों को लोकप्रिय ’सेल्फी विद तिरंगा’ अभियान में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा जिसमें वे राष्ट्रीय ध्वज के साथ अपनी तस्वीरें निर्दिष्ट ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे। इस अभियान की मुख्य विशेषताओं के बारे में बताया गया कि पूरे केंद्र शासित प्रदेश में 15 लाख से ज़्यादा राष्ट्रीय ध्वज वितरित किए जाएँगे। इसके अलावा एक समर्पित डिजिटल पोर्टल भी बनाया जाएगा जो वास्तविक समय में निगरानी और कार्यक्रम की रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करेगा।


श्रीनगर 01 अगस्त (हि.स.)। मुख्य सचिव अटल डुल्लू की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक में चल रहे आज़ादी का अमृत महोत्सव समारोह के अंतर्गत 2 से 15 अगस्त तक आयोजित होने वाले राष्ट्रव्यापी ’हर घर तिरंगा अभियान 2025’ की तैयारियों की समीक्षा की गई।

बैठक में प्रमुख सचिव संस्कृति, आयुक्त सचिव सामान्य प्रशासन, प्रशासनिक सचिव, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और कई विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने इस अभियान को एक जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता पर बल दिया और विभागों से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने राष्ट्रीय गौरव, एकता और देशभक्ति की भावना के संदेश को मज़बूत करने के लिए स्कूली बच्चों, युवाओं और सभी क्षेत्रों के नागरिकों को शामिल करने का आह्वान किया।

पिछले तीन वर्षों में अभियान की उल्लेखनीय सफलता के बाद इस वर्ष के संस्करण का उद्देश्य समुदाय-आधारित, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध गतिविधियों के माध्यम से इसके प्रभाव को और गहरा करना है जो पूरे जम्मू-कश्मीर में पंचायतों, शहरी वार्डों, शैक्षणिक संस्थानों और प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर आयोजित की जाएँगी।

इस बैठक के दौरान संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव, बृज मोहन शर्मा ने बताया कि ’हर घर तिरंगा 2025’ अभियान पूरे केंद्र शासित प्रदेश में व्यापक जन भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु 2 से 15 अगस्त के बीच तीन अलग-अलग चरणों में चलाया जाएगा।

2 से 8 अगस्त तक चलने वाले प्रारंभिक चरण का उद्देश्य रचनात्मक पहलों के माध्यम से जागरूकता पैदा करना है। बताया गया कि इस चरण के तहत शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों को तिरंगा-थीम वाली दीवार पेंटिंग, भित्ति चित्र और रंगोली कला से सजाया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय द्वारा तैयार की गई प्रदर्शनियाँ स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में प्रदर्शित की जाएँगी।

9 से 12 अगस्त के बीच आयोजित होने वाला दूसरा चरण जन-आंदोलन और उत्सव पर केंद्रित होगा। भव्य सांस्कृतिक उत्सव और मेले आयोजित किए जाएँगे, जिनमें स्थानीय कला, शिल्प और उत्पादों, विशेष रूप से स्वयं सहायता समूहों द्वारा तिरंगे थीम पर निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा।

इस चरण में बाइक और साइकिल रैलियाँ, युवा परेड और सामुदायिक तिरंगा यात्राएँ भी होंगी जिनका उद्देश्य जन भागीदारी बढ़ाना है। बाज़ारों और सार्वजनिक क्षेत्रों को सजाया जाएगा, और राष्ट्रीय ध्वजों का वितरण मुख्य रूप से स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जाएगा।

13 से 15 अगस्त के बीच मनाए जाने वाले अंतिम चरण में ध्वजारोहण समारोह और प्रमुख सरकारी भवनों, संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों पर प्रकाश व्यवस्था की जाएगी। ध्वजारोहण के प्रमुख कार्यक्रम श्रीनगर और जम्मू में आयोजित किए जाएँगे। नागरिकों को लोकप्रिय ’सेल्फी विद तिरंगा’ अभियान में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा जिसमें वे राष्ट्रीय ध्वज के साथ अपनी तस्वीरें निर्दिष्ट ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे।

इस अभियान की मुख्य विशेषताओं के बारे में बताया गया कि पूरे केंद्र शासित प्रदेश में 15 लाख से ज़्यादा राष्ट्रीय ध्वज वितरित किए जाएँगे। इसके अलावा एक समर्पित डिजिटल पोर्टल भी बनाया जाएगा जो वास्तविक समय में निगरानी और कार्यक्रम की रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता