Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नैनीताल, 9 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के चाय बागानों की भूमि पर गन्ना, खीरा और तरबूज जैसी फसलों की खेती के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने राज्य सरकार और याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या इसके लिए टी बोर्ड और केंद्र सरकार की अनुमति ली गई थी। कोर्ट ने 1953 के टी एक्ट के अनुपालन पर भी सवाल उठाया।
मामले के अनुसार, देहरादून के विकासनगर निवासी देवानंद ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देहरादून के विकास नगर क्षेत्र टी बगान के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र था। इस क्षेत्र में इसके अलावा कोई कृषि कार्य करने की अनुमति नही थी, लेकिन जब से इस भूमि का चाय के अलावा अन्य सीजनल कृषि के लिए उपयोग किया जा रहा है, तब से इसका अस्तित्व खतरे में आ गया है। याचिकाकर्ता की ओर से इसे टी स्टेट की धरोहर में ही विकसित किए जाने की प्रार्थना की गई थी।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / लता