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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आचार्य भिक्षु स्वामी को दी श्रद्धांजलि
महापुरुषों के सिद्धांतों से प्रेरणा लेकर करें नैतिक समाज का निर्माण
चंडीगढ़, 8 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि महापुरुषों के विचार और सिद्धांत आज भी हमें जीवन जीने की सही दिशा दिखाते हैं। यदि हम उनके आदर्शों को अपनाएं और अपने आचरण में उतारें, तो एक नैतिक और चरित्रवान समाज का निर्माण संभव है। जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण होगा, तभी विकसित भारत का सपना साकार हो सकेगा।
मुख्यमंत्री मंगलवार को चंडीगढ़ में आचार्य भिक्षु स्वामी की 300वीं जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मंचासीन परम श्रद्धेय मुनिश्री विनय कुमार आलोक, मुनिश्री सुधाकर,मुनिश्री अभय कुमार आलोक,मुनिश्री नरेश, स्वामी सम्पूर्णानन्द ब्रह्मचारी महाराज सहित समस्त मुनिजनों को सादर नमन किया और कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें इस पावन अवसर पर तेरापंथी समाज के श्रद्धालुओं के बीच आने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि देश की धरा संतों की धरा है। संतों के कारण ही हमारी संस्कृति जीवित है। मुख्यमंत्री ने जैन मुनियों की तपस्वी जीवनचर्या की सराहना करते हुए कहा कि वे भौतिकवादी युग में त्याग और संयम की प्रतिमूर्ति हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य भिक्षु स्वामीजी केवल एक मुनि नहीं, बल्कि एक साहसी और क्रांतिकारी विचारक थे। उन्होंने धर्म में व्याप्त कुरीतियों पर चोट की और अध्यात्म को तर्कसंगत दिशा दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य भिक्षुजी की शिक्षाएं आज के युग में भी अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि अहिंसा केवल मारपीट न करना ही नहीं है, बल्कि मन, वचन और कर्म से पवित्र होना ही सच्ची अहिंसा है। आज के तनावपूर्ण और असहिष्णुता से भरे माहौल में यह विचार समाज को जोडऩे का काम कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य भिक्षु मानते थे कि जब व्यक्ति सुधरेगा, तब समाज और राष्ट्र भी अपने आप सुधर जाएगा। हमारा भी यही विश्वास है कि राष्ट्र का सशक्त निर्माण नैतिक मूल्यों की नींव पर ही संभव है। इस अवसर पर मुनि विनय कुमार आलोक एवं मुनिश्री सुधाकर ने मुनि श्री भिक्षु महाराज के जीवन एवं तेरापंथ के सिद्धांत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महापुरुषों की शिक्षाओं पर बोलना आसान है, परंतु उन शिक्षाओं को जीवन में अमल में लाना कठिन कार्य है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा