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धर्मशाला, 06 जुलाई (हि.स.)। दलाई लामा ने कहा कि वह हर सुबह अवलोकितेश्वर के बारे में सोचकर दिन की शुरुआत करते हैं। उनकी वर्तमान शक्ति और धैर्य अवलोकितेश्वर के आशीर्वाद का परिणाम है। उन्होंने कहा कि भौतिक विकास के लिए काम करना महत्वपूर्ण है। एक अच्छे और नेक दिल के साथ न केवल प्रियजनों के प्रति, बल्कि सभी के प्रति करुणामय होना चाहिए। करुणामय होकर मन की शांति प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है।
धर्मगुरु ने यह उद्बोधन रविवार को अपने 90वें जन्मदिन के समारोह के दौरान उपस्थित बौद्ध भिक्षुओं और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने कहा कि मैं बस एक साधारण बौद्ध भिक्षु हूं, मैं आम तौर पर जन्मदिन समारोहों में शामिल नहीं होता। हालांकि आप मेरे जन्मदिन पर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, इसलिए मैं कुछ विचार साझा करना चाहता हूं।
दलाई लामा ने अपने संदेश में कहा कि करुणा और शांति के माध्यम से आप दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक मेरा सवाल है, मैं मानवीय मूल्यों, धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने, प्राचीन भारतीय ज्ञान की ओर ध्यान आकर्षित करने की अपनी प्रतिबद्धताओं को जारी रखूंगा, जो मन और भावनाओं के कामकाज को समझाता है। तिब्बती संस्कृति और विरासत, जिसमें मन की शांति और करुणा पर के माध्यम से दुनिया में योगदान करने की बहुत क्षमता है। मैं बुद्ध और शांतिदेव जैसे भारतीय गुरुओं की शिक्षाओं के माध्यम से अपने दैनिक जीवन में दृढ़ संकल्प और साहस विकसित करता हूं।
दलाई लामा ने कहा कि जब तक अंतरिक्ष रहेगा, जब तक संवेदनशील प्राणी रहेंगे, तब तक, मैं भी दुनिया के दुखों को दूर करने के लिए हूं। उन्होंने आने सभी मित्रों शुभचिंतकों और अनुयायियों का उनके लिए दी गई शुभकामनाओं के लिए आभार जताया।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया