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नेहरू सरकार की तुष्टीकरण की नीति के विरोध में डॉ. मुखर्जी ने दिया था इस्तीफा
लखनऊ,06 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि वह एक प्रखर वक्ता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और महान शिक्षाविद थे।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करके कश्मीर को भारत के संविधान के अनुरूप शेष भारत के साथ जोड़ते हुए एक विधान एक प्रधान और एक निशान के साथ भारत के लोकतांत्रिक की धारा के साथ जोड़ने का अभिनव प्रयास किया है। आज जम्मू कश्मीर तेजी के साथ विकास कर रहा है, जो डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के संकल्पों की विजय है। यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में संभव हो पाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया भर में इन्वेस्टमेंट के बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित हुआ है।
उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण की नींव को आजाद भारत में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने प्रारंभ किया था और आज उसका एक बहुत ही वृहद स्वरूप देश में देखने को मिल रहा है। इस सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया त्रस्त थी, उस दौरान भारत ने अपने यहां 80 करोड़ लोगों को फ्री में राशन की सुविधा का लाभ दिया, जो आज भी निरंतर चल रहा है। यह सभी संकल्प डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करने वाला है।
नेहरू सरकार की तुष्टीकरण की नीति के विरोध में डॉ. मुखर्जी ने दिया था इस्तीफायोगी आदित्यनाथ ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पूरा जीवन राष्ट्र माता के लिए समर्पित किया था। बंगाल के अकाल के दौरान उनकी सेवाएं पूरा देश स्मरण करता है। उनका जीवन भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित रहा। डॉ. मुखर्जी ने आजादी के बाद पंडित नेहरू के नेतृत्व में बनी पहली सरकार में भारत के खाद्य एवं उद्योग मंत्री के रूप में देश में खाद्य की आत्मनिर्भरता और औद्योगीकरण की नींव रखी थी, जो नए भारत में भी स्पष्ट देखने को मिलता है। उन्होंने नेहरू सरकार के तुष्टीकरण के नीति के विरोध में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था। इतना ही नहीं भारतीय जन संघ का गठन और उसके पहले अध्यक्ष होने के साथ जब भारत के संविधान में नेहरू सरकार ने कश्मीर को 370 धारा के माध्यम से अलग स्टेटस देने का प्रयास किया और परमिट सिस्टम जम्मू कश्मीर के लिए लागू किया, उसके खिलाफ सबसे पहले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने ही आवाज उठायी थी। उन्होंने उस समय एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे का नारा दिया था। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के इन सपनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार किया।
इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा, मेयर सुषमा खर्कवाल, भाजपा नेता पंकज सिंह, एमएलसी मुकेश शर्मा, एमएलसी रामचन्द्र प्रधान, एमएलसी अवनीश पटेल, एमएलसी लालजी प्रसाद निर्मल, महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी व नीरज सिंह आदि उपस्थित थे।--------------
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन