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भाेपाल, 6 जुलाई (हि.स.)। आज यानि रविवार काे देवशयनी एकादशी है। आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी का व्रत किया जाता है। इसी दिन से चतुर्मास का आरंभ भी हो जाता है। इन चार महीनों में सृष्टि का संचालन भगवान शंकर करते हैं। मुख्यमंत्री डाॅ माेहन यादव ने देवशयनीएकादशीपर प्रदेश वासियाें काे शुभकामनाएं दी है और सुख समृद्धि की कामना की है।
मुख्यमंत्री डाॅ. यादव ने साेशल मीडिया एक्स पर पाेस्ट करते हुए लिखा सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जमत्सुप्तं भवेदिदम् । विबुद्दे त्वयि बुद्धं च जगत्सर्व चराचरम्।। देवशयनी एकादशी पर्व की हार्दिक मंगलकामनाएं। आप सभी पर भगवान विष्णु जी की कृपा बनी रहे, मनोकामनाएं पूर्ण हों, प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, शांति, वैभव की प्राप्ति हो, यही यही शुभकामनाएं हैं।
हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी का खास महत्व है। इस दिन से भगवान विष्णु चार महीनों के लिए क्षीरसागर में योग निद्रा में चले जाते हैं और चतुर्मास की शुरूआत होती है। इस दौरान मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों पर पाबंदी लग जाती है। कहते हैं कि देवशयनी एकादशी पर व्रत-उपासना और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में देवशयनी को बेहद पुण्यदायी माना गया है।
माना जाता है कि इस दिन व्रत व विधिपूर्वक पूजन करने से जातक सभी प्रकार के पापों से मुक्त हो जाता है। देवशयनी एकादशी पर दान-धर्म के कार्यों का भी विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन से भगवान विष्णु करीब चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और पृथ्वी का कार्यभार, संचालन भगवान शिव के हाथ में सौंप जाते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे