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खूंटी, 5 जुलाई (हि.स.)। कोयल कारो जल विद्युत परियोजना के खिलाफ 30वीं वर्षगांठ पर शनिवार को तोरपा प्रखंड के तपकारा में विजय संकल्प सभा का आयोजन किया गया। जहां लोगों ने विस्थापन के विरोध में और जल, जंगल, जमीन के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया। मौके पर आसपास के दर्जनों गांवों से आयों लोगों ने शहीद स्थल पर तपकारा गोलीकांड के बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बाद में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कोयल कारो परियोजना और संगठन के बारे में जानकारी साझा की। झारखंड उलगुलान संघ के संयोजक अलेस्टेयर बोदरा ने कहा कि कोईल कारो जनसंगठन की अगुवाई में डूब क्षेत्र के ग्रामीणों ने विस्थापन के खिलाफ जो एकता और ताकत दिखाई थी, वह पूरी दुनिया के लिए उदाहरण बनी है।
यह आंदोलन सिर्फ विस्थापन के खिलाफ नहीं था बल्कि झारखण्डी अस्तित्व, अस्मिता, पहचान, परम्परा, संस्कृति और व्यवस्था को सुरक्षित रखने के लिए भी था। यह आंदोलन सीएनटी एक्ट तथा पांचवी अनुसूची के प्रावधानों को बल प्रदान करने का भी रहा है। उपाध्यक्ष जॉन जुरसेन गुड़िया ने कोयल कारो जनसंगठन के आंदोलन के इतिहास की जानकारी दी। मसीह दास गुड़िया ने कहा कि कोयलकारो परियोजना से क्षेत्र का भला नहीं हो सकता है।
इसे रद्द करना ही होगा। सभा में कोयल कारो जनसंगठन के सदस्यों ने परियोजना को रद्द कर सरकारी गजट में प्रकाशित करने तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया।
सभा को धनकुंवर गुड़िया, ज्योत्स्ना तिर्की, जयराम गुड़िया, नेली डहंगा,दुलार कंडुलना, बेनिदिक नवरंगी सहित अन्य ने भी सम्बोधित किया। मौके पर पुष्पा गुड़िया, रेजन गुड़िया, जीवन हेमरोम सहित अन्य उपस्थित थे।
सभा की अध्यक्षता पड़हा राजा हाबिल गुड़िया तथा संचालन विनय गुड़िया ने किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा