भ्रष्टाचार की शिकायत करना किसानों को पड़ा महंगा
एसडीएम ने दोनों किसानों को कस्टडी में बैठायाहमीरपुर 5 जुलाई (हि.स.)। शनिवार को बीते 9 माह से परेशान किसानों के द्वारा राठ तहसील परिसर में तैनात एक कानूनगो के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार और 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगने की शिकायत करना महंगा पड़ गया।
भ्रष्टाचार की शिकायत करना किसानों को पड़ा महंगा


एसडीएम ने दोनों किसानों को कस्टडी में बैठायाहमीरपुर 5 जुलाई (हि.स.)। शनिवार को बीते 9 माह से परेशान किसानों के द्वारा राठ तहसील परिसर में तैनात एक कानूनगो के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार और 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगने की शिकायत करना महंगा पड़ गया। कानूनगो की शिकायत मिलते ही उपजिलाधिकारी किसानों पर ही फर्जी शिकायत करने का आरोप लगाते हुए किसानों को कस्टडी में बैठा दिया।

राठ कोतवाली क्षेत्र के नवैनी गांव के निवासी किसान उदयभान पुत्र फूल सिंह व किसान छंगा और गोपीचंद ने बताया कि उन लोगों ने मौजा चिल्ली के गाटा संख्या 1907 और 1908 में अपने खेतों की पैमाइश और हदबंदी कराने के लिए अधिवक्ता के माध्यम से पत्रावलियां दाखिल की थीं। बताया कि पैमाइश का आदेश होने के बाद भी स्थानीय कानूनगो उनके खेत की पैमाइश नहीं कर रहा था। जब वह लोग पैमाइश करने के लिए कहते तो स्थानीय कानूनगो टाल देता। आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय कानूनगों ने पैमाइश करने की एवज में उन लोगों से 50 हजार रुपये की मांग की। बताया कि जब उनके सब्र का बांध टूट गया तो शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में वह लोग उक्त कानूनगों की शिकायत करने के लिए पहुंचे। जहां पर एसडीएम ने उन्हें हड़काते हुए कस्टडी में बैठा दिया। हालांकि कुछ समय के बाद किसानों को छोड़ भी दिया गया। मामले में उप जिला अधिकारी अभिमन्यु कुमार ने बताया कि सम्पूर्ण समाधान दिवस में शिकायती पत्र आया था। जब उन्होंने कानूनगो का शिकायतकर्ताओं से सामना कराया तो शिकायत करने वाले किसानों ने उक्त कानूनगो को पहचानने से इंकार कर दिया। बताया कि शिकायती पत्र की जांच कराई जा रही है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा