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मंडी, 04 जुलाई (हि.स.)। चेक बाउंस के एक मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मंडी मनीषा गोयल ने दोष साबित हो जाने पर आरोपी को 2 साल की कैद व 10 लाख रूपए हर्जाना भरने की सजा सुनाई। राम हरी ऑटो प्रा लि रानी बाईं गुटकर जिला मंडी ने अपने वकील महेश चोपड़ा के माध्यम से गोपाल कृष्ण पुत्र परमा नंद सैनी गांव सिंहन गागल बल्ह के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि उनके पास मान ट्क की डीलरशिप थी। आरोपी को उन्होंने वर्ष 2013 व 2014 में 6 ट्क बेचे थे। आरोपी ने उन्हें पांच पोस्ट डेटेड चेक इसके बदले में दिए थे। इनमें से एक चेक संख्या 146238 दिनांक 8 फरवरी 2014 को 5 लाख रुपए की राशि का जारी हुआ था जो भारतीय स्टेट बैंक नेरचौक की शाखा में देय था।
उन्होंने इस चेक को गुटकर स्थित सेंट्ल बैंक आफ इंडिया की शाखा में अपने खाते में जमा करवाया मगर 3 मई 2014 को यह चेक इस टिप्पणी के साथ वापस आ गया कि उनके खाते में पर्याप्त धन नहीं है। इस बारे में गोपाल कृष्ण को बताया गया मगर उन्हें कानूनी नोटिस भेजने व अन्य माध्यमों से संपर्क करने पर भी उन्होंने यह रकम अदा नहीं की। इस पर उन्होंने अपने वकील महेश चोपड़ा के माध्यम से नेगोशिएबल इंस्ट्ूमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत अदालत में याचिका दायर की। अदालत ने इस मामले में फर्म के वकील महेश चोपड़ा की शिकायत को सही पाया तथा उनके तर्कों से सहमति जताते हुए मुकदमा संख्या 482/14 दिनांक 1 जुलाई 2014 के तहत कृष्ण गोपाल को 2 साल की कैद व 10 लाख रूपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई। आदेश के अनुसार जुर्माना अदा न करने पर उन्हें एक साल की सजा और भुगतनी होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा