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रायगढ़ , 4 जुलाई (हि.स.)। राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई युक्तियुक्तकरण नीति का प्रभाव अब गांव-गांव में नजर आने लगा है। रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड अंतर्गत ग्राम पतरापारा महलोई स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में शिक्षकों की नई पदस्थापना से शैक्षणिक वातावरण में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है।
पहले यह स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा था, लेकिन अब दो शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति के बाद पढ़ाई में नई ऊर्जा और दिशा आई है। विद्यालय में वर्तमान में कक्षा 1 से 5 तक कुल 78 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। पूर्व में एक ही शिक्षक के भरोसे सभी कक्षाओं का संचालन किया जा रहा था, जिससे न केवल शिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी, बल्कि विद्यार्थियों को विषय आधारित शिक्षा भी सीमित रूप से मिल पा रही थी।
अब दो शिक्षकों की उपस्थिति से समयबद्ध, व्यवस्थित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित हुआ है। विद्यालय के परिवेश में आए इस सकारात्मक बदलाव से पालकों में भी उत्साह का माहौल है। अपने बच्चे को स्कूल छोडऩे आई श्रीमती प्रमिला परजा ने कहा कि अब उनके बच्चे घर लौटकर स्कूल की पढ़ाई और गतिविधियों के बारे में खुशी से बताते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में उन्हें इस बात की चिंता रहती थी कि एक शिक्षक इतने सारे बच्चों को कैसे सम्हालेंगे, लेकिन अब दो शिक्षकों की नियुक्ति से बच्चों को ध्यानपूर्वक पढ़ाया जा रहा है और वे पढ़ाई में भी अधिक रुचि लेने लगे हैं।
राज्य शासन की इस पहल से न केवल बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिला है, बल्कि ड्रॉपआउट दर में भी गिरावट की उम्मीद जताई जा रही है। शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता से बच्चों की पढ़ाई अब नियमित और व्यवस्थित रूप से हो रही है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सीधा सुधार देखा जा रहा है। युक्तियुक्तकरण योजना के तहत की गई यह पहल ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो रही है। इससे बच्चों को न केवल उनके गांव में ही बेहतर शिक्षा मिल रही है, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव भी मजबूत हो रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / रघुवीर प्रधान