फरिश्ता बनकर देजी पहुंचा आपदा दल, दुनिया से कटे हुए गांव को मिली नई सांसें
मंडी, 04 जुलाई (हि.स.)। मंडी जिला के सराज क्षेत्र के अति दुर्गम पियाला देजी गांवों में जब राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम पहुंची, तो वह क्षण गांववासियों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। बादल फटने और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित इस ग
देजी गांव में ग्रामीण महिला का उपचार करते हुए एनडीआरएफ के जवान।


मंडी, 04 जुलाई (हि.स.)। मंडी जिला के सराज क्षेत्र के अति दुर्गम पियाला देजी गांवों में जब राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम पहुंची, तो वह क्षण गांववासियों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। बादल फटने और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित इस गांव के लोग पिछले चार दिनों से बाहरी दुनिया से कटे हुए थे। न संचार के साधन, न रास्ता और न ही किसी सहायता की उम्मीद। ऐसे में जब राहत दल गांव तक पहुंचा, तो बुजुर्गों और महिलाओं की आंखें नम हो गईं।

उन्होंने भावुक स्वर में कहा कि दल के हमारे गांव पहुंचने से ऐसा लग रहा कि जैसे भगवान ने हमारी सुन ली है और उनके रूप में ही यह दल हमारे बीच पंहुचा है। बता दें, पियाला देजी, रूकचुई और भराड़ जैसे गांवों में आपदा के बाद से ही सम्पर्क नहीं हो पा रहा था। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमों ने कठिन और जोखिमभरे रास्तों को पार कर वहां पहुंचना संभव किया। राहत एवं बचाव कार्य के दौरान कुल 65 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया। वहीं, उन्हें प्राथमिक चिकित्सा, भोजन और मानसिक संबल भी दिया गया।

गांववासियों ने बताया कि आपदा के बाद वे पूरी तरह से अकेले पड़ गए थे, लेकिन जब एनडीआरएफ टीम गांव में पहुंची, तो उन्होंने पहली बार राहत की सांस ली। एक महिला ने रुआंसी आवाज़ में टीम से कहा कि हमें लगा था कि हम दुनिया से छूट गए हैं, लेकिन आप लोगों ने हमें फिर से अपनों से जोड़ा है।

उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशों पर एनडीआरएफ सहित सभी विभागों के समन्वित प्रयासों से जिला प्रशासन इन अत्यंत दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि राहत एवं पुनर्वास कार्य सतत और प्रभावी रूप से आगे बढ़े।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा