स्कूल पर विज्ञान प्रदर्शनी के छात्र फंड गबन का आरोप, डीसी ने दिए जांच के आदेश
पूर्वी सिंहभूम, 4 जुलाई (हि.स.)। कदमा स्थित एडीएल सोसाइटी स्कूल में केंद्र सरकार की ओर से छात्रों को विज्ञान प्रदर्शनी के लिए प्रदान की गई राशि के गबन का मामला सामने आया है। इस मामले में छात्रों और अभिभावकों की शिकायत पर पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त क
एडीएल स्कूल और उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी


एडीएल स्कूल और उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी


पूर्वी सिंहभूम, 4 जुलाई (हि.स.)। कदमा स्थित एडीएल सोसाइटी स्कूल में केंद्र सरकार की ओर से छात्रों को विज्ञान प्रदर्शनी के लिए प्रदान की गई राशि के गबन का मामला सामने आया है। इस मामले में छात्रों और अभिभावकों की शिकायत पर पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने जांच के आदेश दिए हैं।

भुक्तभोगी छात्रों ने बताया कि केंद्र सरकार की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की योजना के तहत नामित छात्रों को प्रोजेक्ट निर्माण और प्रदर्शनी के लिए 10 हजार रुपये दिए जाते हैं, जिसमें चयनित बच्चों को इसरो जाने का अवसर भी मिलता है। आरोप है कि स्कूल के प्रिंसिपल प्रभात कुमार और शिक्षक छात्रों के बैंक खातों में आए पैसे वापस जमा करवा लेते हैं और बदले में केवल 1500 से 2000 रुपये प्रोजेक्ट निर्माण के लिए देते हैं। इससे छात्र बेहतर प्रोजेक्ट नहीं बना पाते और उनका चयन रांची या इसरो के लिए नहीं हो पाता।

इसी तरह का मामला कदमा निवासी छात्र आशिफ खान के साथ भी हुआ। उसने बताया कि 17 मार्च को उसके खाते में 10 हजार रुपये आए थे, लेकिन प्रिंसिपल ने दबाव डालकर उसे स्कूल में जमा करवा लिया। जब आशिफ ने अपने अभिभावकों के साथ उपायुक्त से शिकायत की तो स्कूल ने उसकी मार्कशीट रोक दी। उपायुक्त के हस्तक्षेप के बाद ही उसे मार्कशीट मिल सकी। वहीं, शिकायत वापस लेने के लिए शिक्षकों ने उसके घर जाकर पैसों का प्रलोभन भी दिया, लेकिन छात्र और उसके अभिभावक शिकायत पर कायम हैं।

अन्य छात्रों ने भी स्कूल पर इसी तरह का घोटाला करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि बच्चों के बनाए प्रोजेक्ट को स्कूल रांची नहीं भेजता, जिससे विज्ञान प्रदर्शनी के लिए उनकी प्रतिभा आगे नहीं बढ़ पाती। छात्रों ने प्रशासन से पूरे मामले की गहराई से जांच की मांग की है।

इधर, कमिटी के महासचिव के. गुरुनाथ राव ने स्कूल प्रबंधन की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यहां सिर्फ छात्र फंड का घोटाला ही नहीं बल्कि शिक्षकों की अवैध बहाली और सामानों की चोरी भी हो रही है। उन्होंने स्कूल के अध्यक्ष वाई. ईश्वर राव पर आरोप लगाया कि वे इन सभी मामलों को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह स्कूल आंध्र समाज के बच्चों की शिक्षा के लिए है, लेकिन यहां तेलुगु भाषा की पढ़ाई और शिक्षकों की बहाली नहीं की जाती। यहां तक कि तेलुगु भाषी बच्चों को भी स्कूल से हटा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में मुकदमा दर्ज कराएंगे।

वहीं, शुक्रवार को उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है और जांच का आदेश दे दिया गया है। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक