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शिमला, 31 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में मानसून का असर लगातार जारी है और आने वाले दिनों में भी तेज बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने छह अगस्त तक प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। एक अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। दो अगस्त को शिमला, सोलन और सिरमौर में येलो अलर्ट जारी किया गया है। तीन अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। चार अगस्त को मानसून और तेज होगा और लाहौल-स्पीति व किन्नौर को छोड़कर बाकी सभी 10 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। चार से छह अगस्त तक भी कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
गुरुवार को प्रदेश के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हुई, जिससे लोगों को कुछ राहत मिली। बीते 24 घंटों में मंडी जिले के बिजाही में सबसे ज्यादा 60 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। कांगड़ा के धर्मशाला और कुल्लू के कोठी में 50-50 मिलीमीटर, मंडी के गोहर में 40 मिलीमीटर, शिमला के सराहन, मंडी के सुंदरनगर, बिलासपुर के नैनादेवी और मंडी के पंडोह में 30-30 मिलीमीटर जबकि सिरमौर के संगड़ाह, हमीरपुर और मंडी में 20-20 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
एक एनएच व 291 सड़कें बंद, 416 बिजली ट्रांसफार्मर ठप
भारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार गुरुवार शाम तक एक नेशनल हाईवे और 291 सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह बंद रही। 416 ट्रांसफार्मर और 219 पेयजल योजनाएं भी ठप पड़ी हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है जहां 171 सड़कें, एक नेशनल हाईवे (एनएच-21 मंडी-कोटली बनाला के पास), 89 ट्रांसफार्मर और 78 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी हैं। कुल्लू में 76 सड़कें और 174 ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं। चंबा में 142 ट्रांसफार्मर और 7 पेयजल योजनाओं पर असर पड़ा है जबकि कांगड़ा जिले में 134 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
मनाली में उफान पर व्यास, घरों को खतरा
मनाली और आसपास के क्षेत्रों में लगातार बारिश से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है। नेहरू कुंड के पास नदी का पानी पुल की नींव की तरफ मुड़ गया है जिससे बड़ा खतरा बन गया है। बाहंग के पास भी जलस्तर बढ़ने से कुछ घरों पर खतरा मंडरा रहा है। हालांकि अब तक किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है और प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों के पास न जाने और सतर्क रहने की अपील की है।
किन्नौर में किन्नर कैलाश यात्रा
किन्नौर जिले में नाले में जलस्तर बढ़ने के कारण लगातार दूसरे दिन किन्नर कैलाश यात्रा रोक दी गई है जिससे श्रद्धालुओं को दिक्कत हो रही है।
मॉनसून सीजन में अब तक 173 मौतें, 1662 करोड़ का नुकसान
मौजूदा मानसून सीजन में 20 जून से अब तक हिमाचल में बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से 173 लोगों की जान जा चुकी है, 281 लोग घायल हुए हैं और 36 लोग लापता हैं। सबसे ज्यादा 35 मौतें मंडी में हुई हैं जहां 27 लोग लापता भी हैं। कांगड़ा में 26, कुल्लू में 18, चंबा में 17, शिमला में 14, सोलन में 12, हमीरपुर, किन्नौर और ऊना में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है।
अब तक राज्य में फ्लैश फ्लड की 44, बादल फटने की 27 और भूस्खलन की 40 घटनाएं हो चुकी हैं। भारी बारिश और भूस्खलन से 1472 घरों को नुकसान पहुंचा है जिनमें से 437 घर पूरी तरह ढह गए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ है जहां 1058 घर प्रभावित हुए और इनमें से 382 पूरी तरह तबाह हो गए। इसके अलावा 294 दुकानें और 1313 पशुशालाएं भी ढह चुकी हैं। अब तक 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1410 मवेशी भी मारे जा चुके हैं।
प्रदेश को अब तक मानसून से कुल 1662 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 847 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 556 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है।
जुलाई में सामान्य से ज्यादा वर्षा मॉनसून
जुलाई महीने में हिमाचल प्रदेश में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार एक जुलाई से 31 जुलाई तक शिमला जिले में सामान्य से 71 फीसदी ज्यादा, मंडी में 58 फीसदी ज्यादा, कुल्लू में 25 फीसदी ज्यादा, हमीरपुर में 15 फीसदी ज्यादा, सोलन में 13 फीसदी ज्यादा, बिलासपुर में 11 फीसदी ज्यादा और सिरमौर में 5 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। वहीं चंबा, कांगड़ा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। लाहौल-स्पीति में 77 फीसदी, सोलन में 17 फीसदी, किन्नौर और चंबा में 13 फीसदी और कांगड़ा में 10 फीसदी कम बारिश हुई है।
वहीं, एक जून से 31 जुलाई तक प्रदेश में सामान्य से 24 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा