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- सीएम की 'जीवन अनुप्रेरणा योजना' में विस्तार, जोशिता दास आत्महत्या मामले की जांच अब सीबीआई को
गुवाहाटी, 31 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
पीडब्ल्यूडी इंजीनियर जोशिता दास की संदिग्ध आत्महत्या की जांच सीबीआई को सौंपी गई:
बंगाईगांव की सहायक अभियंता स्मिति जोशिता दास की संदिग्ध आत्महत्या मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) करेगा। इस केस में सात सदस्यीय एसआईटी गठित की गई थी, जिसमें आरएफएसएल और क्राइम सीन अफसरों द्वारा जांच की गई थी। अब तक तीन आरोपितों की गिरफ्तारी, पोस्टमार्टम, सीडीआर विश्लेषण, जब्ती और बीएनएसएस की धारा 94 के तहत नोटिस भी जारी हो चुका है।
जीवन अनुप्रेरणा योजना में सभी शोधार्थी शामिल:
मुख्यमंत्री की जीवन अनुप्रेरणा योजना के दायरे को बढ़ाकर अब 1 अप्रैल, 2021 के बाद दाखिला लेने वाले सभी पूर्णकालिक शोधार्थियों (दिव्यांग भी शामिल) को लाभ मिलेगा। इससे लाभार्थियों की संख्या 1,300 से बढ़कर 9,953 हो गई है और अब कुल 26.21 करोड़ रुपये की वित्तीय योजना निर्धारित की गई है।
बदरपुर टाउन को 24x7 नल से जल योजना की स्वीकृति:
बदरपुर टाउन में बराक नदी से जलापूर्ति परियोजना को मंजूरी मिली है। 49.588 करोड़ रुपये की इस योजना का उद्देश्य आबादी को निर्बाध पीने योग्य जल आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इसमें सात वर्षों तक संचालन और रखरखाव भी शामिल है।
जल जीवन मिशन में अनुबंध राशि के बदले परफॉर्मेंस गारंटी की अदला-बदली को स्वीकृति:
जेजेएम की योजनाओं में ठेकेदारों के लंबित बिल की राशि यदि परफॉर्मेंस गारंटी से अधिक है, तो उसे बदला जा सकता है, लेकिन रिटेंशन मनी सुरक्षित रखी जाएगी।
स्वजल मित्र/जल सहायक के परिजनों को मिलेगा पांच लाख रुपये अनुग्रह राशि:
कार्य के दौरान मृत्यु होने पर उनके परिजनों को पांच लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। यह निर्णय उनके योगदान को मान्यता देने और परिवारों को समर्थन देने हेतु लिया गया है।
कॉलेज शिक्षकों के कैरियर विकास योजना (सीएएस) में स्पष्टता:
चयन/सीनियर ग्रेड में पदोन्नति की सीनियरिटी उस तारीख से मानी जाएगी जब पात्रता प्राप्त हुई हो। यह सीनियरिटी केवल अगली पदोन्नति की गणना हेतु मान्य होगी, वेतन निर्धारण या एरियर हेतु नहीं।
धेमाजी में 1,742 भूमिहीन परिवारों को भूमि पट्टा:
धेमाजी नगर परिषद क्षेत्र की परिधि पांच किमी से घटाकर एक किमी की गई, जिससे एक किमी से पांच किमी के बीच रह रहे भूमिहीन आदिवासी परिवारों को राहत मिल सके। पूर्व में आवेदन करने वाले पात्र परिवार 31 अक्टूबर, 2025 तक नए सिरे से आवेदन कर सकते हैं।
तिरप ट्राइबल बेल्ट में सात समुदायों को संरक्षित वर्ग में शामिल किया गया:
अहोम, मटक, मोरान, सुतिया, गोरखा, चाय बागान और आदिवासी समुदायों को, जो 2011 से पहले से भूमि पर काबिज हैं, 'संरक्षित वर्ग' में शामिल किया गया है। इससे 20 हजार से अधिक व्यक्तियों को भूमि अधिकार प्राप्त होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश