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पूर्णिया, 31 जुलाई (हि.स.)।पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने लोकसभा में सप्लीमेंट्री डिबेट के दौरान बिहार के साथ हो रहे आर्थिक भेदभाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार के मेहनतकश लोगों को बैंक ऋण, संसाधनों और रोजगार के अवसरों से वंचित रखा जा रहा है, जो न केवल संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि सामाजिक-आर्थिक असमानता को भी दर्शाता है।
सांसद ने बताया कि बिहार की प्रति व्यक्ति आय ₹66,828 है, जबकि देश की औसत आय ₹2,28,000 है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में सबसे अधिक बैंक डिपॉजिट होने के बावजूद, यहां केवल 30% ऋण वितरित किया जाता है, बाकी अन्य राज्यों में भेज दिया जाता है।
पप्पू यादव ने कहा कि गरीब किसान और बेरोजगार युवा बैंक से ऋण नहीं ले पाते, जबकि बड़े उद्योगपतियों को आसानी से कर्ज मिल जाता है। उन्होंने केंद्र सरकार से बैंकों की जवाबदेही तय करने, क्रेडिट-डिपॉजिट रेशियो संतुलित करने और पिछड़े राज्यों के लिए विशेष ऋण योजना लाने की मांग की।
अंत में उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि ऋण वितरण पर संसदीय समिति गठित कर बैंकों की भूमिका की समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा, बिहार सिर्फ एक राज्य नहीं, भारत की आत्मा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नंदकिशोर सिंह