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मुंबई ,31 जुलाई ( हि. स.) ।अंगदान सप्ताह के अवसर पर, जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 3 से 15 अगस्त तक जन जागरूकता हेतु विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया है। अंगदान के महत्व को बताने के लिए शैक्षिक सत्र, सेमिनार, जन जागरूकता रैलियाँ, पोस्टर प्रदर्शनी और चिकित्सा मार्गदर्शन शिविर आयोजित किए जाएँगे। इन गतिविधियों का उद्देश्य समाज में अंगदान के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करना और ज़रूरतमंद मरीज़ों को जीवन प्रदान करने में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है।
हर साल, हज़ारों मरीज़ किडनी, लिवर, हृदय, फेफड़े आदि जैसे अंग प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षा सूची में रहते हैं। एक व्यक्ति के अंगदान से आठ लोगों की जान बच सकती है, इसलिए अंगदान केवल एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह उत्कृष्ट सामाजिक और मानवीय मूल्यों की अभिव्यक्ति है।
इस अवसर पर ज़िला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहन घुगे ने कहा, मृत्यु के बाद अंगदान करके हम कई लोगों को नया जीवन दे सकते हैं। प्रत्येक नागरिक को अंगदान करने का निर्णय लेना चाहिए और इस बारे में परिवार से संवाद करना चाहिए।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंगाधर पारगे ने आज कहा कि, अंगदान एक संवेदनशील और सशक्त सामाजिक ज़िम्मेदारी है। चिकित्सा की दृष्टि से, समय पर प्राप्त अंग किसी मरीज़ की जान बचा सकता है। इसलिए, नागरिकों को अंगदान के बारे में अपने डर या भ्रांतियों को दूर करके सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए।
उन्होंने सभी नागरिकों से अपील है कि अंगदान एक सामाजिक ज़िम्मेदारी है जिसे हमें अपनी इच्छाशक्ति और जागरूकता से निभाना चाहिए। अगर हम स्वयं पहल करेंगे, तो दूसरे लोग भी हमारे कार्यों से प्रेरित हो सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों, गैर-सरकारी संगठनों और चिकित्सा क्षेत्र के प्रतिनिधियों से इसमें सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा