ममता बनर्जी ने किया थीम का नामकरण, हरियाली पर केंद्रित होगी टाला प्रत्यय की दुर्गा पूजा
ममता बनर्जी


कोलकाता, 31 जुलाई (हि.स.)। दुर्गापूजा के ऐतिहासिक शताब्दी वर्ष में उत्तर कोलकाता की प्रसिद्ध पूजा समिति टाला प्रत्यय इस बार एक अनोखे पहलू को लेकर सुर्खियों में है। पहली बार किसी पूजा पंडाल की थीम को नाम देने का काम किया है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने। इस वर्ष 'बीज अंगन' नाम की थीम के माध्यम से पर्यावरण-संरक्षण का संदेश दिया जाएगा।

राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले भी दुर्गापूजा के उद्घाटन से लेकर प्रतिमा की चक्षुदान तक, बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर से गहरे रूप में जुड़ी रही हैं। कोलकाता की दुर्गापूजा को यूनेस्को की इंटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज की सूची में शामिल करवाने में उनकी अग्रणी भूमिका किसी परिचय की मोहताज नहीं है। कई पूजा समितियों के लिए वह स्वयं थीम गीत भी लिख चुकी हैं, लेकिन यह पहली बार है जब किसी पंडाल की कला-थीम का नामकरण सीधे उन्हीं के द्वारा किया गया है।

टाला प्रत्यय पूजा समिति के सदस्य शुभ बसु ने जानकारी दी कि बीते वर्ष ही मुख्यमंत्री ने शताब्दी वर्ष की तैयारियों के बारे में जानकारी ली थी। हाल ही में एक समारोह में मुलाकात के दौरान उन्हें इस वर्ष की थीम के बारे में बताया गया, जिसमें हरियाली संरक्षण का संदेश प्रमुख रूप से रखा गया है। पूरे विचार को ध्यान से सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सृजन का नाम ‘बीज अंगन’ होना चाहिए। क्लब ने तत्काल ही इस सुझाव को स्वीकार कर लिया।

इस वर्ष ‘बीज अंगन’ थीम की कलात्मक रचना कर रहे हैं विख्यात कलाकार भवतोष सुतार। उनका कहना है कि दुर्गापूजा के प्रति मुख्यमंत्री का यह समर्पण और रचनात्मक भागीदारी प्रेरणादायक है। उनका यह नामकरण न केवल इस प्रोजेक्ट को विशेष बनाता है, बल्कि हम जैसे कलाकारों को भी उत्साहित करता है।

पिछले तीन वर्षों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी टाला प्रत्यय के पूजा पंडाल का उद्घाटन करती रही हैं। क्लब को इस बार भी उनके हाथों से ही पूजा का शुभारंभ होने की उम्मीद है।

मार्च में 'बीजगणित' नामक एक सांस्कृतिक आयोजन से वर्षभर चलने वाले इस शताब्दी समारोह की शुरुआत की गई थी। अब ‘बीज अंगन’ के माध्यम से पूजा पंडाल न केवल कला का प्रतीक बनेगा, बल्कि प्रकृति-संरक्षण की चेतना भी जनमानस तक पहुंचाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय