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शाजापुर, 31 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले की खनिज विभाग की कुर्सी पर अपना हलधर कर बैठे प्रशासन के राजकुमार की रियासत उनकी नाक के नीचे खुलेआम खनिज माफियाओं द्वारा उजाड़ी जा रही है, लेकिन विभाग के मुखिया इन सबसे अनभिज्ञ होकर पता नहीं कौन सी ड्यूटी निभाने में व्यस्त हैं। कि जिले के अवैध उत्खनन पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कार्रवाई करना तो दूर इसकी सुचना प्राप्त करने के लिए मोबाइल उठाने का समय भी उनके पास नहीं है।
गौरतलब है कि शाजापुर नगरीय सीमा सहित ग्रामीण अंचलों व जिलेभर के अधिकांश इलाकों में इन दिनों अवैध खनन का कारोबार बैखौफ तरीके से तेज़ी से फल-फूल रहा है। विगत लंबे समय से विभागीय स्तर पर किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं होने से निरंकुश खनिज माफिया नगरीय सीमा सहित विभिन्न स्थानों पर पहाड़ियों से मुरम की मनमानी खुदाई कर पहाड़ियों का स्वरूप बिगाड़ने के एक-सूत्रीय कार्यक्रम में पूरी ताकत से भिड़े हुए हैं। जिससे क्षैत्र के अधिकतर हिस्सों में पहाड़ियों का स्वरूप खतरनाक गड्ढों में तब्दील हो गया है।
बारिश के मौसम में इन्हीं गड्ढों में पानी जमा होने से आवारा मवेशियों और बच्चों के डूबने का खतरा भी बना हुआ है लेकिन जिम्मेदार इससे अनजान हैं। प्रशासनिक निष्क्रियता के चलते हालात यह हो गए हैं कि खनिज माफियाओं ने जिले में अवैध उत्खनन की सारी सीमाएं लांघते हुए आवासीय क्षेत्र की खदानों में भी गड्ढे कर दिए हैं और ये खदानें अब पर्यावरण और वहां पर बने मकानों को क्षति पहुंचाने के साथ बच्चों और मवेशियों की जान की दुश्मन भी बनने लगी है। एसी स्थिति में खनन माफियाओं पर कार्रवाई करने से बचने वाले विभागीय अधिकारी सवालों के जवाब देने के लिए भी मोबाइल उठाने से परहेज़ कर रहे हैं। जिससे कहीं ना कहीं इस खेल में उनकी भूमिका भी संदेहास्पद नजर आ रही है।
पारदर्शिता के लिए सबकुछ सार्वजनिक होना आवश्यक
हालात यह बन चुके हैं कि संबंधित अधिकारी जांच के लिए ना तो किसी साइड पर जाते हैं और ना ही किसी क्रेशर मशीन पर कोई कार्रवाई होती है। इस मिलीभगत के खेल पर अंकुश लगाने तथा विभागीय पारदर्शिता के लिए यह बेहद आवश्यक हो चुका है कि शाजापुर जिले में खनिज की लीज पर दी गई सूची तथा प्रत्येक लीज में स्वीकृत घन सेंटीमीटर की जानकारी सार्वजनिक की जाना चाहिए। इसके साथ ही प्रत्येक खदान और क्रेशर की आन स्पॉट जांच कर जनता को उसकी वास्तविक स्थिति भी बताई जाना चाहिए।
बिना राॅयल्टी के शासन को हानि...
हर दिन अनगिनत डंपरों से जिले के नगरीय व ग्रामीण इलाके में छोटी पहाड़ियों की मुरम की खुदाई खनन माफियाओं के द्वारा धड़ल्ले से की जा रही है। इस काम में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से बिना रायल्टी चुकाए मुरम धड़ल्ले से बाजार में बेची जा रही है। जिससे शासन को प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है लेकिन विभाग की नाक के नीचे खेले जा रहे इस खेल पर रोक लगाने वालों की निष्क्रियता विचारणीय है।
मुख्यमंत्री से की जाएगी शिकायत
जिला मुख्यालय सहित आस-पास के क्षेत्रों में बेधड़क तरीके से हो रहा अवैध खनन जहां धरती और पर्यावरण के लिए संकट पैदा कर रहा है वहीं इस मामले की रोकथाम के प्रति जिम्मेदारों की खामोशी और अनदेखी कई सवालों को जन्म देकर खनिज माफियाओं के हौंसले बुलंद कर रही है। एसी परिस्थिति को देखते हुए क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षण संगठनों द्वारा शीघ्र प्रदेश के मुखिया को इस हकीकत से रूबरू करवाने की बात भी कही जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मंगल नाहर