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नई दिल्ली, 31 जुलाई (हि.स.)। गुजरात में कांडला के दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण (डीपीए) में बुधवार को भारत के पहले मेक-इन-इंडिया 1 मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट की शुरुआत की गई। इसके चालू होने से डीपीए देश का पहला ऐसा बंदरगाह बन गया है जो मेगावाट स्तरीय ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन सुविधा का संचालन कर रहा है। इस मौके पर केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में इस परियोजना का उद्घाटन किया।
यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘हरित भारत’ के विजन की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। प्लांट की खास बात यह है कि यह पूरी तरह से भारत में बना है और देश की आत्मनिर्भरता और टिकाऊ विकास के संकल्प को मजबूत करता है। यह संयंत्र हर साल करीब 140 मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा, जो समुद्री क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने और बंदरगाह संचालन को अधिक पर्यावरण अनुकूल बनाने में मदद करेगा।
सोनोवाल ने कहा कि इसी साल मई में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भुज में 10 मेगावाट के ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई थी। इसके केवल चार महीनों के भीतर उसका पहला 1 मेगावाट मॉड्यूल चालू कर दिया गया, जो एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण ने मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 को हकीकत में बदलते हुए गति, पैमाने और कौशल का उदाहरण पेश किया है।
डीपीए में पहले से तैनात भारत के पहले ऑल-इलेक्ट्रिक ग्रीन टग का जिक्र करते हुए मंत्री सोनोवाल ने कहा कि बंदरगाह की हरित पहलों के प्रति प्रतिबद्धता सराहनीय है। उन्होंने एलएंडटी की इंजीनियरिंग टीम और डीपीए के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि इस जटिल परियोजना को जिस तेजी और सटीकता से पूरा किया गया, वह प्रेरणादायक है।
राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने भी इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि यह संयंत्र भारत की स्वच्छ ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ते कदमों का प्रतीक है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर