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गुरुग्राम, 31 जुलाई (हि.स.)। सर्कुलर इकोनॉमी (चक्रीय अर्थव्यवस्था) के लिए एक सांझा रास्ता तय करने के उद्देश्य से गुरुग्राम में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सहयोग एवं अंतर्राष्ट्रीय सर्कुलर इकोनॉमी परिषद (आइसीसीई) के तत्वावधान में आयोजित इंडिया सर्कुलर इकोनॉमी फोरम के चौथे संस्करण का गुरुवार को समापन हो गया। दो दिवसीय सत्र में हरियाणा सरकार, उद्योग, शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से जुड़े कई प्रमुख प्रतिनिधियों ने शिरकत कर सर्कुलर इकोनॉमी से संबंधित विषयों पर अपने महत्वपूर्ण विचार रखे।
सत्र में दक्षिण-ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आरआईएस के प्रो. गुलशन सचदेवा ने कहा कि भारत विकासशील देशों में सर्कुलर इकोनॉमी को आगे बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए ज्ञान, नीतियों और तकनीक के सांझे उपयोग की जरूरत है, ताकि सभी देशों को न्यायपूर्ण और टिकाऊ विकास का लाभ मिल सके। आइसीसीई की प्रबंध निदेशक शालिनी गोयल भल्ला ने बताया कि चौथे संस्करण का समापन सत्र विभिन्न विषयों को समर्पित रहा। कृषि और खाद्य अपशिष्ट आदि विषयों पर चर्चा में नेस्ले, इंडिया फूड बैंकिंग नेटवर्क और सीईईडब्लूए के विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे बेहतर तकनीकों से फसल के बाद के नुकसान और भूख की समस्या को कम किया जा सकता है। शहरी कचरा प्रबंधन पर चर्चा के दौरान हसीरू डाला और आईपीसी जैसे संगठनों ने बताया कि स्थानीय स्तर पर कचरे की छंटाई और पुनर्चक्रण के मॉडल कैसे लोगों की भागीदारी से सफल हो सकते हैं। इस दौरान हरियाणा सरकार के अधिकारियों और स्थानीय नेताओं ने राज्य में हरित ऊर्जा, कचरा प्रबंधन और टिकाऊ निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
कार्यक्रम में हरित ऊर्जा और संसाधनों का दोबारा उपयोग, सीएसआर और ईएसजी के ज़रिए सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा, कपड़ा उद्योग में टिकाऊ डिजाइन और स्थानीय नवाचार आदि पर चर्चा की गई। कार्यक्र्रम का समापन एसीई पुरस्कार समारोह के साथ हुआ, जिसमें सर्कुलर इकोनॉमी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले संगठनों और व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर