सरकार प्रदेश लोगों के दु:ख-तकलीफ दूर करने की बजाए दिल्ली में दे रही हाजिरी- डोटासरा
प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा


जयपुर, 31 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि अतिवृष्टि के कारण प्रदेश की राजधानी सहित अन्य शहरों में पानी के भराव के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऐसे में सभी का कर्तव्‍य है कि लोगों का जीवन और दैनिक कार्य सुचारू चल सके, इसके लिये व्यवस्था की जाये। उन्‍होंने आरोप लगाते हुए कहा क‍ि सरकार से लोग मदद की अपेक्षा करते हैं किन्तु राजस्थान की सरकार प्रदेश में लोगों के दु:ख-तकलीफ दूर करने की बजाए दिल्ली में हाजिरी दे रही है। मुख्यमंत्री केन्द्रीय मंत्रियों, लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री से मिल रहे हैं, किन्तु राजस्थान की जनता को नहीं सम्भाल रहे हैं।

डोटासरा गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मोहनलाल सुखाडिय़ा की जयंती के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

डोटासरा ने कहा कि राजस्थान का दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री का समय प्रदेश की जनता के हित में निर्णय लेने की बजाए मुख्यमंत्री कार्यालय अथवा दिल्ली में प्रधानमंत्री की हाजिरी में व्यतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भवन बनना और उनके रख-रखाव के कार्य सतत प्रक्रिया है, सरकार का दायित्व है कि समय-समय पर भवनों का सर्वे करवाये और जहां अति-आवश्यक हो वहां बजट का इस्तेमाल कर मरम्मत के कार्य करवाये, लेकिन हो यह रहा है कि सरकार केवल कांग्रेस के कार्यों की समीक्षा कर रही है, अनर्गल बयानबाजी कर कांग्रेस को कोसने का काम हो रहा है, इसके अतिरिक्त कोई कार्य नहीं हो रहा है। शिक्षा विभाग में पिछले डेढ़ वर्ष में ना तो किसी शिक्षक की भर्ती हुई है और ना ही किसी भवन की मरम्मत के लिए राशि जारी हुई है। शिक्षा मंत्री ने झालावाड़ स्‍कूल में दुर्घटना होने पर आनन-फानन में बयान दिया कि सरकार ने जर्जर स्कूलों के भवनों की मरम्मत के लिये 159 करोड़ रूपये बजट में दिये हैं, किन्तु जानकारी मिली है कि इसकी प्रशासनिक स्वीकृति तो बयान के भी सात दिन बाद जारी हुई और वित्तीय स्वीकृति व टेण्डर प्रक्रिया तो प्रारम्भ ही नहीं हुई, काम होना तो दूर की बात है।

पंचायत चुनावों की चर्चा करते हुए डोटासरा ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों के चुनाव को लेकर जो अधिकृत नहीं है, सरकार की ओर से वे ही बयान दे रहे हैं, जबकि राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त ने साफ कहा है कि सरकार की मंशा इन चुनावों को कराने की नहीं है, बार-बार सरकार बहानेबाजी कर रही है। उन्होंने कहा कि पंचायतों का, वार्डों का पुनर्गठन करते हुये कई महिने बीत गये किन्तु जून में डेड लाईन दी थी, उसे गुजरे हुये भी लम्बा समय निकल गया है लेकिन राज्य सरकार ने अब तक निर्णय नहीं लिया है, जबकि यह कार्य 12 महिने पहले पूर्ण हो जाना चाहिये था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को जनता के समक्ष स्थिति स्पष्ट करनी चाहिये कि वे इन संस्थाओं के चुनाव कराने में सक्षम है या नहीं। राजस्थान की भाजपा सरकार लोकतंत्र और प्रजातंत्र का गला घोट रही है, यदि मुख्यमंत्री संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार इन संस्थाओं का चुनाव कराने में सक्षम नहीं है तो दिल्ली से दूसरी पर्ची आकर सरकार में बदलाव होने चाहिये।

डोटासरा ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प तो प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के मित्र हैं, देश पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाकर क्या भारत को अमेरिका ने तोहफा दिया है, इसका जवाब केन्द्र सरकार को देना चाहिये। लोकसभा में प्रधानमंत्री का वक्तव्य है कि सीज फायर किसी के कहने से नहीं किया, इस पर भी देश पर 25 प्रतिशत टैरिफ अमेरिका ने लगा दी और यदि नाम ले लेते तो क्या होता, यह सोचने का विषय है।

प्रदेश महासचिव व मीडिया प्रभारी स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर पर प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा के समक्ष नागौर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमेन महेन्द्र पाल चौधरी ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर पार्टी की मजबूती के लिये कार्य करने का संकल्प लिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / संदीप