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देवघर एम्स के पहले दीक्षांत समारोह को राष्ट्रपति ने किया संबोधितप्रधानमंत्री मोदी ने 25 मई 2018 काे किया था इसका शिलान्यास
देवघर, 31 जुलाई (हि. स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि डॉक्टर व्यहार में क्लीनिकल न बनें, बल्कि मरीज को सहानुभूति के साथ सलाह दें। बाबा बैद्यनाथ ने आपको जनसेवा के लिए भेजा है। एक अच्छा डॉक्टर के साथ एक अच्छा इंसान भी होना जरूरी है।
राष्ट्रपति मुर्मु गुरुवार को देवघर एम्स के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर अनगिनत लोगों के जीवन में उजाला कर सकते हैं। समाज निर्माण में भी वे अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि एम्स के साथ मेरी विशेष स्मृति जुड़ी हुई है। जब मैं झारखंड की राज्यपाल थीं, तो 25 मई 2018 में सिंदरी से इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। देवघर एम्स की विकास यात्रा से मेरा विशेष संबंध बन गया। उन्हाेंने कहा कि वहीं देवघर एम्स में कल्चर ऑफ एक्सिलेंस की शुरूआत हो रही है। इसके लिए एम्स की पूरी टीम को शुभकामनाएं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज उपाधि और पदक पाने वालों में बेटियों की संख्या छात्रों के बराबर है। एम्स में प्रवेश पाना और शिक्षा ग्रहण करने का मतलब है कि आप एक कुशल डॉक्टर बन गए हैं, लेकिन सेंसेटिव कम्यूनिकेशन की क्षमता भी होनी चाहिए। कुछ ऐसे डॉक्टर हैं जिनके परामर्श से परिवार के लोग बेहतर महसूस करते हैं। राष्ट्रपति ने डॉक्टरों से कहा कि प्राइमरी हेल्थ क्षेत्र में भी सक्रियता के साथ काम होना चाहिए। अर्बन-रुरल हेल्थ कम्यूनिटी सेंटर भी जाकर अपनी सेवा दें। उन्होंने देवघर एम्स से कहा कि गांवों को गोद लेने का दायरा बढ़ाना चाहिए। देवघर एम्स ने अब तक पांच गांवों को ही गोद लिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि जब मैं राज्यपाल थी तो मैंने पूरे गांव का भ्रमण किया। इसलिए हेल्थ इज वेल्थ को ध्यान में रखकर काम करने की जरूरत है। समाज के काम में भी ध्यान देने की जरूरद है। सेवा देना के लिए काफी अवसर भी हैं। शिशु मृत्यु दर और थैलेसिमिया को भी कम करने की जरूरत है। उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि आप एक उदाहरण बनें। दवा पर कम से कम खर्च हो। स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में एम्स की भूमिका है।
चिकित्सा केवल पेशा नहीं, बल्कि पुनित कर्म होः राज्यपाल
दीक्षांत समाराेह में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि चिकित्सा केवल पेशा ही नहीं होना चाहिए, बल्कि एक पुनीत कर्म भी होना चाहिए। ज्ञान की प्राप्ति तभी सार्थक है, जब उसका उपयोग जनकल्याण के लिए हो। उन्होंने कहा कि अपनी विशेषज्ञता को राष्ट्र निर्माण में लगाएं। यह शैक्षणिक उपलब्धि ही नहीं सामाजिक दायित्व की भी शुरूआत है। चिकित्सा मार्ग सिर्फ करियर ही नहीं, बल्कि संवेदना और नैतिक दृढ़ता की भी मांग करता है। एम्स देवघर से बिहार और पश्चिम बंगाल के लोगों को भी लाभ होगा। राज्य़पाल ने कहा कि झारखंड को एजुकेशन हब बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। यह दीक्षांत समारोह औपचारिक आयोजन ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक क्षण भी है। राष्ट्रपति लाखों बेटियों के लिए प्रेरणा हैं।
कार्यक्रम में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि मैं भी एक डॉक्टर हूं, मंत्री भी हूं। ये मेरे लिए पद नहीं भावना है। इसलिए डॉक्टर के नाते मरीज का दर्द समझता हूं। यह प्रोफेशन नहीं बल्कि एक कमिटमेंट है। सरकार हर व्यक्ति को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। निजी डॉक्टरों को सरकारी अस्पताल से जोड़ने का काम किया जा रहा है।
देवघर एम्स के कार्यकारी निदेशक सौरभ वार्षेण्य ने कहा कि देवघर एम्स में शिक्षा सेवा और शोध एक साथ चलते हैं। सितंबर 2019 को पहले बैच की शुरूआत हुई। इसमें 50 विद्यार्थी थे। आज विभिन्न फैक्लटी में 900 विद्यार्थी हैं। 70 फीसदी फैकल्टी के पोस्ट भरे हुए हैं। अब देवघर एम्स में एमबीबीएस की 125 सीटें हो गई हैं। पांच साल में 400 प्रोजेक्ट लिखे गए। सौरभ ने बताया कि देवघर एम्स ने पांच गांवों को गोद लिया है। चार साल से टेलीमेडिसिन सेवा दी जा रही है। ड्रोन सेवा के तहत दूर दराज इलाकों सर्प दंश से पीड़ितों के लिए एंटीवेनम पहुंचाया जा रहा है। उन्हाेंने बताया कि अब तक तीन हजार से अधिक कैंप लगाए जा चुके हैं। मेंटल हेल्थ पर भी सर्वे किया जा रहा है। अगस्त 2021 से ओपीडी सेवा शुरू की गई, तब से अब तक 7.50 लाख मरीजों को देखा जा चुका है।
राष्ट्रपति ने इन छात्र-छात्राओं काे प्रदान किए पदक
दीक्षान्त समाराेह में राष्ट्रपति मुर्मु ने डॉ अस्मित अग्रवाल काे गोल्ड मेडल, डॉ तनिष्क कुमार काे सिज्वर मेडल और डॉ हर्षवीर कौर काे ब्रांज मेडल प्रदान
किया। इसके अलावा एमबीबीएस में सर्वाधिक अटेंडेंस के डॉ ऋचा जायसवाल काे सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने डॉ अंजनी कुमारी, डॉ गौतम शंकर, डॉ सुमिता सिन्हा, डॉ शिक्षा सिंह, डॉ ओम शंकर काे उपाधि प्रदान कीं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे