मुख्यमंत्री ने दुर्गा पूजा समितियों पर बरसाई ममता, 1.10 लाख अनुदान और 80 प्रतिशत बिजली छूट देने का ऐलान
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी


कोलकाता, 31 जुलाई (हि.स.) ।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस वर्ष दुर्गा पूजा समितियों के लिए एक बड़ी सौगात की घोषणा की है। गुरुवार को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित एक बैठक में मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि राज्य सरकार इस बार प्रत्येक दुर्गा पूजा समिति को एक लाख 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देगी। यह राशि पिछले वर्ष दिए गए 85 हजार की तुलना में 25 हजार अधिक है।

मुख्यमंत्री ने साथ ही पूजा आयोजनों में लगने वाले बिजली शुल्क पर 80 प्रतिशत छूट देने का निर्देश भी सीईएससी और राज्य बिजली वितरण बोर्ड को दिया है। उन्होंने कहा कि बिजली बिल में यह रियायत पूजा समितियों के लिए बड़ी राहत साबित होगी।

बैठक में कोलकाता नगर निगम, पुलिस प्रशासन, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य और परिवहन विभाग समेत कई प्रमुख एजेंसियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को पूजा के दौरान सुरक्षा और सुविधाओं को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए पिंक पुलिस, मेट्रो और लोकल ट्रेनों की समयवृद्धि, अतिरिक्त वाहन सेवा, नियंत्रण कक्षों की चौकसी, सीसीटीवी, ड्रोन वॉच और एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

-----

पांच अक्टूबर को दुर्गा पूजा कार्निवल

ममता बनर्जी ने यह भी बताया कि इस बार दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन दो से चार अक्टूबर के बीच किया जाएगा, जबकि पांच अक्टूबर को भव्य पूजा कार्निवाल आयोजित होगा।

शुभेंदु ने उठाए सवालमुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। वरिष्ठ भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कटाक्ष करते हुए कहा, “1.10 लाख नहीं, ₹2.10 लाख दीजिए, लेकिन पहले कर्मचारियों का डीए चुकाइए और छह लाख सरकारी खाली पद भरिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह घोषणा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर की गई है।

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री राज्य में सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना चाहती हैं। पार्टी नेताओं के अनुसार, “धर्म जिसका-त्योहार सबका” की भावना को मुख्यमंत्री बार-बार दोहराती हैं।

दुर्गा पूजा आयोजकों की भी इस घोषणा पर प्रतिक्रिया आई है। कई समितियों ने कहा कि मंहगाई के इस दौर में बिना अनुदान के त्योहार आयोजित करना कठिन है, और सरकार का यह सहयोग उनके लिए सहारा है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2018 में 10 हजार रुपये के अनुदान के साथ इस योजना की शुरुआत की थी। इसके बाद यह राशि हर साल बढ़ाई गई—2019 में 25 हजार, महामारी के समय 50 हजार, फिर क्रमशः 60 हजार, 70 हजार, और 2024 में 85 हजाल। इस साल यह 1.10 लाख रुपये तक पहुंच गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर