(लीड) कैबिनेट ने 11 हजार करोड़ रुपये की चार रेलवे परियोजनाओं दी मंजूरी
(लीड) कैबिनेट ने 11 हजार करोड़ रुपये की चार रेलवे परियोजनाओं दी मंजूरी


नयी दिल्ली, 31 जुलाई (हि.स.) सरकार ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे की क्षमता विस्तार की चार परियोजनाओं को मंजूरी दी है जिससे मालवहन क्षमता में लगभग 10 करोड़ टन प्रतिवर्ष की वृद्धि होगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज रेल मंत्रालय की कुल 11,169 करोड़ रुपये लागत वाली इन चार परियोजनाओं को अनुमति प्रदान की।

सूचना प्रसारण, रेल, इलैक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने मध्यप्रदेश में इटारसी से महाराष्ट्र के नागपुर तक चौथी लाइन, महाराष्ट्र में ही औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) से परभणी दोहरीकरण, पश्चिम बंगाल में अलुआबारी रोड- न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन तथा झारखंड ओडिशा सीमा क्षेत्र में डांगोपोसी- जारोली तीसरी और चौथी लाइन की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई लाइन क्षमता गतिशीलता में काफी वृद्धि करेगी, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव संचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़ को कम करने के लिए निर्मित किए गए हैं। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री मोदी के नवीन भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ रोजगार/स्वरोजगार के अवसर भी सृजित करेंगी।

श्री वैष्णव ने कहा कि परियोजनाओं की योजना पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर बनाई गई है, जिसमें एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श के माध्यम से मल्टी-मोडल संपर्कता और रसद दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ये परियोजनाएं लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध संपर्कता प्रदान करेंगी।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली चार परियोजनाओं से भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 574 किलोमीटर की वृद्धि होगी। प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 2309 गांवों तक संपर्क बढ़ेगा, जिनकी जनसंख्या लगभग 43.60 लाख है। ये कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पादों आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं।

रेल मंत्री के अनुसार क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 95.91 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) सामान की आवाजाही होगी। रेलवे, पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन माध्यम होने के कारण, जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (16 करोड़ लीटर) कम करने और कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन (515 करोड़ किलोग्राम) कम करने में मदद करेगा, जो 20 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन बुधौलिया