हेमंत दास श्रृंगीऋषि आश्रम के नये महंत नियुक्त
हेमंत दास श्रृंगीऋषि आश्रम के नये महंत नियुक्त


अयोध्या, 31 जुलाई (हि.स.)। कंठी, चद्दर, तिलक देकर संत-महंतों ने धर्मसम्राट श्रीमहंत ज्ञानदास महाराज के शिष्य एवं संकटमोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास की अध्यक्षता में श्रृंगीऋषि आश्रम शेरवाघाट के महंत पद पर हनुमानगढ़ी वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास को प्रतिष्ठित किया। साकेतवासी महंत जगदीश दास महाराज के निधन उपरांत उनकी इच्छा अनुसार उनके तेरहवीं संस्कार पर आश्रम की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए संत समाज ने सर्वसम्मति से हेमंत दास को नया महंत घोषित किया। इस अवसर पर विधिवत रूप से उन्हें कंठी-चद्दर प्रदान कर गद्दी सौंप दी गई।

महंत संजय दास महाराज ने बताया कि गुरुदेव भगवान के आशीर्वाद से हमारे छोटे गुरु भाई को श्रृंगीऋषि आश्रम की बड़ी जिम्मेदारी महंत जगदीश दास महाराज के इच्छा अनुसार संत-महंतों की उपस्थिति में साैंपी गई, जिसका निर्वाहन वह पूरे मनोयोग से करेंगे। हनुमानगढ़ी महाराज और अयोध्या के संत, महंत उनको आशीर्वाद देकर जो जिम्मेदारी सौंपा है। उसका पालन वह पूरे मनोयोग से करेंगे और आश्रम का चौमुखी विकास करेंगे।

नवनियुक्त महंत हेमंत दास महाराज ने कहा कि गुरुदेव भगवान के आशीर्वाद से संतों महंतों ने जो जिम्मेदारी दी है। उसका पालन करूंगा। महंत जगदीश दास महाराज हनुमानगढ़ी पर आते रहते थे। उनकी इच्छा थी कि हनुमानगढ़ी की परंपरा से हमारे साकेतवास के बाद आश्रम की जिम्मेदारी दी जाए। संत-महंतों ने हमें श्रृंगी ऋषि आश्रम की जिम्मेदारी दी है। मैं आश्रम की परंपरा का निर्वाहन व विकास करूंगा, जिससे महंत जगदीश दास महाराज की आत्मा को भी शांति मिले। श्रृंगी ऋषि आश्रम 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर है और एक पड़ाव यह भी है। जिसे इसका और अधिक महत्व है। अभी तक जो भी विकास महाराज श्री ने किया है। उसको आगे बढ़ाएंगे। यहां के आश्रम से जुड़े लोगों के सहयोग से। आश्रम बहुत ही पौराणिक है, पुत्रेष्टि यज्ञ के बाद श्रृंगी ऋषि महाराज यहीं आकर रुके।

महाराज जी की समाधि भी यहां है। इससे इसकी पौराणिकता और बढ़ जाती है। क्योंकि यह स्थान भगवान के राम जन्म और त्रेता युग से जुड़ा हुआ है, इसलिए पूरे मनोयोग के साथ इसका विकास करूंगा।

महंती समारोह में निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत मुरली दास, महासचिव महंत सत्यदेव दास व महंत नंदराम दास, बसंतिया पट्टी के महंत रामचरण दास, महंत पहलवान राजेश दास, हनुमत संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य एवं गद्दीनसीम महंत प्रेमदास महाराज के शिष्य महंत डॉक्टर महेश दास, महंत करुणानिधान शरण, महंत जन्मेजय शरण, महंत अवधेश कुमार दास, श्रीमहंत वैदेहीबल्लभ शरण, महंत रामजी शरण, जगतगुरु डॉ राघवाचार्य, जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी वल्लभाचार्य, जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, महंत जनार्दन दास, महंत हरिभजन दास, महंत परशुराम दास, स्वामी छविराम दास, महंत बालयाेगी रामदास आदि माैजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय