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भुवनेश्वर, 31 जुलाई (हि.स.)। आगामी 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 75वें जन्मदिवस के अवसर पर ओडिशा में “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत एक ही दिन में 75 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। यह पहल प्रधानमंत्री को ओडिशावासियों की ओर से एक विशेष उपहार के रूप में समर्पित होगी।
यह घोषणा मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आज लोक सेवा भवन में आयोजित “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान की तैयारी बैठक की अध्यक्षता करते हुए की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है और राज्य सरकार इसे अभूतपूर्व सफलता तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं ओडिशा में “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान की शुरुआत की थी और सुभद्रा योजना को भी माताओं के सम्मान में प्रारंभ किया था।
इस वर्ष 5 जून से 30 सितंबर तक इस अभियान का दूसरा संस्करण – “एक पेड़ माँ के नाम 2.0” – चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत ओडिशा सरकार ने न्यूनतम 7.5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष राज्य ने 6.72 करोड़ पौधे लगाकर पूरे देश में चौथा स्थान हासिल किया था।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस बार हम न केवल निर्धारित लक्ष्य को पार करेंगे, बल्कि एक ही दिन में 75 लाख पौधे लगाकर एक नया रिकॉर्ड भी स्थापित करेंगे।
यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि मातृभूमि और मातृत्व के प्रति श्रद्धा का प्रतीक भी है।
मुख्यमंत्री माझी ने “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान को सफल बनाने हेतु सभी संबंधित विभागों और सामाजिक संगठनों से सामूहिक सहयोग का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक पाैधरोपण कार्यक्रम नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण हेतु एक जनआंदोलन बनना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि यद्यपि वानिकी विभाग और कृषि एवं कृषक सशक्तिकरण विभाग की इसमें प्रमुख भूमिका है, फिर भी इस अभियान को व्यापक बनाने के लिए सभी सरकारी विभागों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, गैर-सरकारी संगठनों युवासंघों, स्वैच्छिक संस्थाओं, पंचायत संस्थाओं, स्कूलों, कॉलेजों और स्वयं सहायता समूहों को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ा जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को अभियान के प्रभावी प्रचार-प्रसार के लिए विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनसाधारण में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह अभियान जनभागीदारी पर आधारित होना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल वृक्ष लगाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनकी देखरेख और संरक्षण की जिम्मेदारी भी समाज और सरकारी कर्मियों को लेनी चाहिए। उन्होंने प्रत्येक सरकारी कर्मचारी और आम नागरिक से वृक्षों की देखभाल के लिए आगे आने की अपील की।
पाैधराेपण के लिए मुख्यमंत्री ने नीम, करंज, तेंदू, अर्जुन, हरड़ा, बहाड़ा, कटहल, ताल, पीपल, कृष्णचूड़ा, अशोक, जामुन, कदंब, आंवला, देवदारु, सुनारी, चाकुंडा आदि जैसे स्थानीय और उपयोगी पेड़ों को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिया कि पाैधरोपण की तस्वीरें और विवरण ‘मेरी लाइफ पोर्टल’ पर अपलोड किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं को इस कार्यक्रम की निगरानी और समयबद्ध क्रियान्वयन का जिम्मा सौंपा। उन्होंने व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों के लिए पुरस्कार की व्यवस्था करने का भी सुझाव दिया।
इसके साथ ही, उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में फलदार वृक्षों की अच्छी उपज होती है, वहां के लोगों को ऐसी किस्मों के पौधे उपलब्ध कराए जाएं, ताकि पर्यावरण के साथ-साथ ग्रामीण आजीविका को भी लाभ मिल सके।
ओडिशा में पाैधरोपण अभियान को लेकर आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में मुख्य सचिव मनोज आहूजा, विकास आयुक्त मती अनु गर्ग, वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यव्रत साहू, सूचना एवं जन संपर्क विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हेमंत शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव शाश्वत मिश्रा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रमुख वन बल प्रमुख सुरेश पंथ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) पी.के. झा, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव शुभा शर्मा, पंचायती राज एवं पेयजल विभाग के आयुक्त-सह-सचिव एस.एन. गिरीश, स्कूल एवं जन शिक्षा विभाग की आयुक्त-सह-सचिव शालिनी पंडित और सूचना एवं जन संपर्क विभाग के निदेशक अनुज दास पटनायक समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में पाैधरोपण अभियान को और अधिक प्रभावी, समावेशी एवं जनांदोलन के रूप में विस्तारित करने पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के आलोक में सभी विभागों को समन्वय कर कार्यक्रम को सफल बनाने की रणनीति तैयार की गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो