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शिमला, 30 जुलाई (हि.स.)। पिज्जा में इस्तेमाल होने वाले चीज के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए जिले भर में पशुपालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए 16 अगस्त से जिले के सभी उपमंडलों में विशेष कार्यशालाएं आयोजित होंगी, जिनमें विशेषज्ञ चीज़ उत्पादन का प्रशिक्षण देंगे।
यह जानकारी शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बुधवार को आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फिलहाल जो चीज़ पिज्जा में इस्तेमाल होती है, वह अन्य जिलों से मंगाई जाती है। इस पहल का उद्देश्य इसे स्थानीय स्तर पर उत्पादन कर रोजगार के अवसर घर-घर तक पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क होगा और बेहतर प्रदर्शन करने वाले पशुपालकों को जिला स्तर पर उन्नत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि पशुधन हमारे जीवन से भावनात्मक रूप से जुड़ा है, और अगर मूलभूत सुविधाएं दी जाएं, तो उत्पादन बेहतर हो सकता है।
उन्होंने लोगों से कहा कि वे विभाग के कार्यों पर तुरंत फीडबैक दें ताकि और सुधार किया जा सके। पशुपालकों को अपने पशुओं की नियमित निगरानी करने की सलाह दी गई जिससे बीमारियों को रोका जा सके।
इस कार्यशाला में पशुपालन के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक, आनुवंशिक सुधार, बुनियादी ढांचे का विकास, संतुलित देखभाल और किसानों की आय बढ़ाने पर विशेष चर्चा हुई। हितधारकों ने अपने सुझाव भी साझा किए ताकि पशुपालन क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके।
अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालकों का बड़ा योगदान है। कृषि और पशुपालन एक-दूसरे के पूरक हैं, इसलिए पशुओं की देखभाल में कोताही नहीं बरतनी चाहिए। उन्होंने विभाग के फील्ड स्टाफ को समय पर पशु उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा