चरणबद्ध हड़ताल को फेडरेशन ने तीन महीने के लिए किया स्थगित
चरणबद्ध हड़ताल को फेडरेशन ने तीन महीने के लिए किया स्थगित


इटानगर, 30 जुलाई (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, इटानगर से लिखित आश्वासन मिलने के बाद अरुणाचल प्रदेश ट्रेड यूनियन फेडरेशन ने अपनी चरणबद्ध हड़ताल तीन महीने के लिए स्थगित कर दी है।

आज यहां अरुणाचल प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए फेडेरेशन के महासचिव केनकर योमचा ने बताया कि वे दो सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल कर रहे हैं, जिनमें वन विभाग द्वारा मल्टी-टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) के पद पर विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) का तत्काल आयोजन और वन सहायक कर्मचारियों का 4 महीने का बकाया वेतन तुरंत जारी करना शामिल है।

अखिल अरुणाचल प्रदेश वन कर्मचारी संघ कई महीनों से इन दो सूत्री मांगों के खिलाफ वन विभाग को बार-बार ज्ञापन दे रहा है, लेकिन विभाग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मजबूरन, संघ ने विभाग के खिलाफ चरणबद्ध हड़ताल करने का फैसला किया है, जो 1 अगस्त से विभिन्न लोकतांत्रिक तरीकों जैसे धरना, कलम बंद, सामूहिक आकस्मिक अवकाश आदि के साथ शुरू होगी।

उन्होंने कहा कि 29 जुलाई को हमें लिखित में आश्वासन मिला कि विभाग उनकी मांगें पूरी करेगा और विभाग ने बताया कि कर्मचारियों का बकाया वेतन पहले ही जारी कर दिया गया है।

कंटीजेंसी कर्मचारियों को मल्टी-टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) के पद पर पदोन्नत करने के संबंध में, बताया गया कि विभिन्न प्रभागों से विवरण न मिलने के कारण डीपीसी नहीं हो सकी और इसके लिए अनुस्मारक जारी किए गए।

विभाग ने संबंधित नियंत्रक अधिकारियों को कम उम्र में नियुक्तियों और नियुक्ति की तिथियों में विसंगतियों के मुद्दे को स्पष्ट करने के लिए एक अंतिम अनुस्मारक भेजने का भी निर्णय लिया।

ऐसा न होने पर, विभागों द्वारा प्रस्तुत विवरण को सही और अंतिम माना जाएगा ताकि तिथियों की सुविधानुसार अगले 2-3 महीनों में यथाशीघ्र डीपीसी बुलाने हेतु आगे की आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

महासचिव ने कहा कि लिखित आश्वासन मिलने के बाद हमने अगली अधिसूचना तक अपनी चरणबद्ध हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने यह भी बताया कि यदि डीपीसी होती है तो कम से कम 36 लोगों को लाभ मिलेगा या विभाग में पदोन्नति मिलेगी।

इसके अलावा, योमचा ने सभी कर्मचारियों से अपील किया है कि यदि सरकार ऐसा करने में विफल रहती है, तो अगली अधिसूचना तक उनके साथ धैर्य रखें।

हिन्दुस्थान समाचार / तागू निन्गी