श्रम विभाग में फर्जीवाड़ा करने पर तीन इंस्पेक्टर निलंबित
श्रम विभाग में फर्जीवाड़ा करने पर तीन इंस्पेक्टर निलंबित


चंडीगढ़, 30 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा के श्रम मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के छह जिलों में गड़बड़ियां सामने आने के बाद तीन श्रम निरीक्षकों को निलंबत करने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश करीब तीन माह तक चली जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर दिए हैं।

विज ने इससे पहले अपने ही विभाग में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए जांच के आदेश दिए थे। यही नहीं अनिल विज ने अपने अधीन आते परिवहन, ऊर्जा तथा श्रम विभागों में भी तबादलों पर रोक लगाई हुई है। विज के कहने पर ऊर्जा विभाग में सीएम फ्लाइंग कई बार छापे मार चुकी है।

अनिल विज की अध्यक्षता में 21 अप्रैल 2025 को सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की मीटिंग के दौरान यह वर्क स्लिप घोटाला सामने आया था। पता चला कि श्रमिकों की 90 दिनों की वर्क स्लिप का जो वेरिफिकेशन किया गया, उसमें अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच 11 लाख 96 हजार 759 श्रमिकों की वर्क स्लिप का वेरिफिकेशन किया गया। अब अनिल विज की सिफारिश पर हरियाणा के श्रम आयुक्त डॉ. मनीराम शर्मा ने मंगलवार की रात तीन अधिकारियों को तुरंत निलंबन आदेश जारी कर दिए हैं। निलंबित किए गए अधिकारियों में बहादुरगढ़ झज्जर सर्कल-2 के लेबर इंस्पेक्टर राज कुमार, सोनीपत सर्कल-2 के रोशन लाल और फरीदाबाद सर्कल-12 के धनराज शामिल हैं।

हरियाणा बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड के सचिव की जांच रिपोर्ट में तीनों अधिकारियों पर अगस्त, 2023 से मार्च, 2025 के बीच कंस्ट्रक्शन स्थलों या कामगारों का वास्तव में दौरा किए बगैर फर्जी वर्क-सर्टिफिकेट मंजूर करने का आरोप है। जांच में सामने आया कि फर्जी वेरिफिकेशन का काम श्रम विभाग के निरीक्षकों और विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया था।

जांच कमेटी के द्वारा 6 जिलों हिसार, कैथल, जींद, सिरसा, फरीदाबाद और भिवानी की 3 महीने (01 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025) के दौरान वेरिफिकेशन की गई वर्क स्लिपों की जांच की गई, जिसमें काफी अनियमितता पाई गई। इस अवधि के दौरान जिला हिसार के दौरान 1 लाख 45 हजार 582 वर्क स्लिप वेरिफिकेशन की गई। इस कार्रवाई के बाद श्रम मंत्री अनिल विज ने विभाग के सक्षम अथॉरिटी को निर्देशित किया है, इनके विरुद्ध क्रिमिनल केस की प्रक्रिया शुरू करने के आशय से महाधिवक्ता की राय लेकर कार्रवाई की जाए। जब तक इस मामले की पूरी जांच रिपोर्ट नहीं आती तब तक सभी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर पेमेंट पर रोक लगाने के भी ऑर्डर दिए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा