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हरियाणा सरकार ने शहीद मनीराम गोयत को दी श्रद्धांजलि
चंडीगढ़, 30 जुलाई (हि.स.)। स्वतंत्रता सेनानी मनी राम गोयत के बलिदान और योगदान को सम्मान देते हुए प्रदेश सरकार ने कैथल के गांव नरड़ की मुख्य सड़क का नाम स्वतंत्रता सेनानी मनी राम गोयत मार्ग रखा है। उनके परिवार ने इस निर्णय के लिए सरकार का आभार जताया है। स्वतंत्रता सेनानी स्व. मनी राम गोयत की स्मृति में आज गांव नरड़ में कई महत्वपूर्ण संस्थाएं उनके नाम पर चल रही हैं, जिनमें मनी राम गोयत ई-लाइब्रेरी-युवाओं के लिए तकनीकी ज्ञान और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का आधुनिक केंद्र, पीएम श्री सीनियर सेकेंडरी स्कूल शिक्षा का मंदिर जो गांव के विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार कर रहा है।
मनी राम गोयत का जन्म 6 जून 1921 को गांव नरड़ जिला कैथल में हुआ था। मात्र 20 वर्ष की आयु में 10 जून 1941 को वे ब्रिटिश सेना में भर्ती हो गए। वहां उन्होंने 13 हांगकांग सिंगापुर रॉयल इन्फेंट्री (नंबर 50733) में कुल 2 वर्ष 305 दिन सेवा दी।
ब्रिटिश सेना में रहते हुए जब मनी राम सिंगापुर पहुंचे, तब वहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस के क्रांतिकारी भाषणों और आजादी की अलख से वे अत्यंत प्रभावित हुए। उन्होंने 2 जुलाई 1943 को नेताजी के आह्वान पर सिंगापुर में आजाद हिंद फौज की गांधी ब्रिगेड, 14वीं कंपनी, नसून कैंप में शामिल होकर स्वतंत्रता संग्राम की राह चुन ली। आजादी की इस लड़ाई में उन्हें ब्रिटिश हुकूमत ने गिरफ्तार कर लिया और सिंगापुर व रंगून की जेलों में कैद कर दिया। वहां अमानवीय यातनाएं दी गईं कई दिनों तक भूखा-प्यासा रखा गया, जिससे अनेक सेनानी गंभीर रूप से बीमार हो गए। देश के आजाद होने के वर्षों बाद जब वे अपने गांव लौटे तो उनका हुलिया तक बदल चुका था। परिजनों ने भी उन्हें पहले पहचान नहीं पाया।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा