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-बेसहारा पशुओं काे टैगिंग व दस्तावेज़ीकरण कर गौशालाओं में छाेड़ा जाएगा
-पुनर्वास हेतु चार करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना स्वीकृत
चंडीगढ़, 30 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने प्रदेश को बेसहारा पशुओं से मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और दृढ़ संकल्पित कदम उठाते हुए समस्त राज्य में मिशन मोड में आवारा पशु-मुक्त अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इस अभियान का पहला चरण 1 अगस्त से 31 अगस्त, 2025 तक चलेगा।
यह निर्णय बुधवार को मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार के साथ गौ सेवा आयोग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया। यह अभियान मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप संचालित किया जाएगा, जिन्होंने प्रदेशभर में बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान हेतु त्वरित व समन्वित प्रयासों के लिए दिशानिर्देश दिए हैं।
अभियान के तहत, प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में घूम रहे सभी बेसहारा पशुओं की पहचान की जाएगी, उन्हें टैग किया जाएगा, उनका विधिवत दस्तावेज़ीकरण किया जाएगा तथा पंजीकृत गौशालाओं में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां उन्हें समुचित देखभाल व आश्रय प्रदान किया जाएगा। यह पहल पशुओं के प्रति मानवीय व्यवहार के साथ-साथ उनकी प्रभावी निगरानी और प्रबंधन सुनिश्चित करेगी। डॉ. साकेत कुमार ने बताया कि पशुपालन विभाग शीघ्र ही राज्य के चार जिलों में गौ अभयारण्यों की स्थापना करेगा, जो दीर्घकालिक आश्रय केंद्रों के रूप में कार्य करेंगे। इन अभयारण्यों का उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप, राज्य सरकार ने बेसहारा पशुओं के पुनर्वास के लिए एक प्रोत्साहन योजना को स्वीकृति प्रदान की है। इस योजना के अंतर्गत, गौशालाओं के कर्मचारी बेसहारा पशुओं को आश्रय स्थलों तक पहुंचाएंगे और विभागीय सत्यापन के पश्चात, उन्हें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। सहायता राशि में प्रत्येक बछड़े हेतु 300 रुपये, प्रत्येक गाय हेतु 600 रुपये तथा प्रत्येक बैल हेतु 800 रुपये निर्धारित है। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार द्वारा चार करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा