दुष्कर्म के बाद बालिका की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, घटना के 43 दिन बाद हुई सजा
प्रतीकात्मक


फिरोजाबाद, 30 जुलाई (हि.स.)। न्यायालय ने आठ वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को मात्र एक महीने 13 दिन में अंतिम सांस तक आजीवन कारावास तथा सह दोषी उसके माता पिता व भाई को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड न देने पर सभी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

थाना नारखी क्षेत्र अन्तर्गत अपनी ननिहाल आई एक आठ वर्षीय बालिका 17 जून 2025 की शाम को लापता हो गई थी। पता चला कि गांव का ही कौशल पुत्र अर्जुन सिंह उसे बहला कर ले गया था। उसने बालिका के साथ बलात्कार किया। बाद में उसकी गला दबा कर हत्या कर दी। पुलिस ने उसके घर से बोरे में बंद बालिका का शव बरामद किया। पुलिस ने कौशल को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया। इसके साथ ही उसके पिता अर्जुन, भाई मनीष तथा मां राधा को भी गिरफ्तार किया।

पुलिस की तीन टीमों ने 7 दिन में त्वरित विवेचना के बाद सभी के खिलाफ न्यायालय में 135 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट मुमताज अली की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी विशेष लोक अभियोजक अवधेश भारद्वाज के की। उन्होंने बताया कि मुकदमे दौरान नौ गवाहों ने गवाही दी। इस दौरान 17 साक्ष्य न्यायालय के सामने पेश किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने कौशल को नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या का दोषी माना। न्यायालय ने उसे जीवन की अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर एक लाख 40 हजार रुपया अर्थ दंड लगाया है।

न्यायालय ने उसके पिता अर्जुन,मां राधा व भाई मनीष को भी साक्ष्य मिटाने का दोषी माना। न्यायालय ने उन्हें 7- 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर 20-20 हजार रुपया अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

हिन्दुस्थान समाचार / कौशल राठौड़