स्वास्थ्य केंद्र की बदतर हालात पर हाईकोर्ट नाराज, नहीं सुधरे तो मुख्य सचिव होना होगा हाजिर
हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव (राजस्व), कलेक्टर, तहसीलदार को जारी किए नोटिस : कोर्ट के आदेश की अवहेलना का मामला


जबलपुर, 31 जुलाई (हि.स.)। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अनूपपुर के राजनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की नियुक्ति न होने पर नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर 19 अगस्त तक स्वास्थ्य केंद्र सुचारु नहीं हुआ, तो स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव को अदालत में हाजिर होना होगा।

स्वास्थ्य केन्द्र की बदहाल सेवाओं को लेकर समाजसेवी विकास प्रताप सिंह द्वारा एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस मामले में हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताई। बेंच ने चेतावनी दी कि अगली सुनवाई तक यदि स्वास्थ्य केंद्र सुचारु नहीं हुआ, तो विभाग के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होकर जवाब देना होगा।

अधिवक्ता सिद्धार्थ गोंटिया ने कोर्ट को बताया कि अनूपपुर के राजनगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले आदेशों के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ है। उल्टे हालात और बदतर हो गए हैं और बीते 10-12 दिनों से स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लगा हुआ है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस अधिकारियों के बयानों के हवाले से कोर्ट को बताया। क्षेत्र में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी, 22 जुलाई 2025 को हुई दुर्घटना में घायल लोगों को पुलिसकर्मियों ने अपने वाहनों से करीब 20-25 किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल पहुंचाया। इस इलाके में आपात स्थिति में मध्यप्रदेश पुलिस ही एंबुलेंस की भूमिका निभा रही है।

सरकार की ओर से पेश उपमहाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि भर्ती प्रक्रिया चलने के कारण स्टाफ की तैनाती में देरी हो रही है। लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में फिलहाल स्टाफ मौजूद है। इस पर याचिकाकर्ता पक्ष ने कोर्ट को जवाब देते हुए हाल ही की तस्वीरें दिखाई, जिनमें केंद्र पर ताला लगा देखा जा सकता है।

अधिवक्ता सिद्धार्थ गोंटिया ने कोर्ट को बताया कि सरकार जो स्थिति बता रही है, वह पुराने उप-स्वास्थ्य केंद्र की है। कोर्ट ने सख्ती से कहा कि अगर अगली तारीख 19 अगस्त तक यह केंद्र चालू नहीं हुआ, तो स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जवाब देना होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक