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जयपुर, 30 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सभी विभाग क्षतिग्रस्त, जीर्ण-क्षीर्ण भवनों की तुरंत मरम्मत कराएं, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि अब ऐसी किसी भी दुर्घटना में हुई जनहानि पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गत 6 वर्षों में बने सरकारी भवनों, स्कूलों, आंगनबाड़ियों की सूची बनाएं तथा एक विशेष राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर निर्माण गुणवत्ता की जांच की जाए।
शर्मा ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बैठक में अधिकारियों को जर्जर भवनों के संबंध में विशेष दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत के लिए आपदा प्रबंधन मद से स्वीकृति प्राप्त की जाए तथा समय पर प्रस्ताव तैयार कर कार्य प्रारंभ किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए भवनों के निरीक्षण, मरम्मत और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कार्मिक भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए जर्जर भवनों की जानकारी संबंधित अधिकारियों को देना सुनिश्चित करें।
जर्जर भवनों में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्र किए गए अन्यत्र स्थानांतरित-
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों की मरम्मत और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा इनका अनिवार्य निरीक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बजट 2025-26 में 5 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। बैठक में बताया गया कि जीर्ण-क्षीर्ण एवं क्षतिग्रस्त आंगनबाड़ियों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है।
क्षतिग्रस्त स्कूलों एवं अस्पतालों की हो मरम्मत
शर्मा ने सार्वजनिक निर्माण विभाग, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी कार्यालयों, विशेष रूप से स्कूलों, अस्पतालों सहित अन्य सार्वजनिक भवनों का तत्काल निरीक्षण कर पूरी जानकारी के साथ जिलेवार रिपोर्ट बनाएं तथा मरम्मत कार्य करवाए जाएं। बैठक में शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, पंचायतीराज, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों ने क्षतिग्रस्त व जीर्ण-क्षीर्ण भवनों एवं उनकी मरम्मत संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश