डॉ. सिकंदर कुमार ने संसद में उठाए समुद्री उद्योग और दिव्यांग शिक्षा के मुद्दे
राज्यसभा सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार


शिमला, 30 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल से राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश महामंत्री डॉ. सिकंदर कुमार ने बुधवार को संसद में समुद्री उद्योग और दिव्यांग शिक्षा से जुड़े मुद्दे उठाए। उन्होंने केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल से पूछा कि क्या भारत के समुद्री उद्योग में डिजिटल बदलाव लाने के लिए कोई समझौता हुआ है। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री साेनाेवाल ने बताया कि मंत्रालय ने प्रगत संगणन विकास केन्द्र (सी-डैक) के साथ भारतीय समुद्री क्षेत्र में डिजिटल उत्कृष्ठता केन्द्र बनाने के लिए एमओयू किया है। इसका मकसद आधुनिक आईटी सॉल्यूशन्स से बंदरगाह और नौवहन क्षेत्र को तेजी से डिजिटल बनाना और नवाचार को बढ़ावा देना है।

मंत्री ने बताया कि सरकार ने ‘सागर’ नाम का एक नया प्लेटफॉर्म भी शुरू किया है, जिससे बंदरगाहों और नौवहन क्षेत्र में कामकाज आसान होगा और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही बंदरगाहों में लगने वाले शुल्कों को एकसमान बनाने के लिए मानकीकृत दरमान (एसओआर) टेम्पलेट लागू किया गया है, जिससे शुल्क का निर्धारण पारदर्शी ढंग से होगा।

डॉ. सिकंदर कुमार ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी सवाल पूछे। इसके जवाब में शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने बताया कि सरकार दिव्यांग बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई कदम उठा रही है। इसके तहत राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस), दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और एनसीईआरटी के बीच जून 2025 में समझौता हुआ है। इसके अलावा एनआईओएस ने जुलाई 2025 में भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के साथ भी समझौता किया है।

मंत्री ने बताया कि एनसीईआरटी ने ‘निष्ठा’ के तहत ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल बनाए हैं, जिससे सामान्य शिक्षक भी दिव्यांग बच्चों को अच्छी तरह पढ़ा सकें। सरकार ने सुनने में अक्षम बच्चों के लिए पीएम-ई विद्या के तहत 24 घंटे चलने वाला चैनल नंबर 31 शुरू किया है, जिसमें भारतीय सांकेतिक भाषा में पढ़ाई की सामग्री दी जाती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा