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शिमला, 30 जुलाई (हि.स.)। राजधानी शिमला के लोअर बाजार में मंगलवार शाम एक बुजुर्ग व्यक्ति के गिरने की घटना पर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही सूचनाओं को शिमला पुलिस ने भ्रामक करार दिया है। इन पोस्टों में दावा किया गया कि बुजुर्ग को समय पर मदद नहीं मिली और पुलिस ने लापरवाही बरती। इस पर शिमला पुलिस ने तुरंत जवाब देते हुए तथ्यों के साथ स्थिति स्पष्ट की और बताया कि बुजुर्ग व्यक्ति को मात्र 15 मिनट में एंबुलेंस की सहायता मिल गई थी।
शिमला पुलिस की ओर से जारी बयान के अनुसार घटना शाम 3:05 बजे घटी। 3:10 बजे ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को मामले की सूचना मिली और 3:11 बजे पुलिस सहायता को तत्काल मौके पर रवाना कर दिया गया। इसी समय पुलिस सहायता केंद्र से एंबुलेंस सेवा को भी सूचित किया गया। चूंकि घटनास्थल तक गाड़ी सीधे नहीं पहुंच सकती थी, इसलिए पुलिस कर्मी पैदल ही घटनास्थल पर पहुंचे।
शिमला पुलिस के मुताबिक 3:17 बजे एंबुलेंस वाहन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। 3:25 बजे तक बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया में पुलिस की प्रतिक्रिया का समय मात्र 7 मिनट रहा, जो किसी भी आपात स्थिति में बेहद सराहनीय माना जाता है।
शिमला पुलिस ने कहा कि इस घटना के बाद कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में भ्रामक बातें फैलाई गईं कि बुजुर्ग व्यक्ति की पहले भी मदद नहीं की गई थी और पुलिस ने देर से कार्रवाई की। जबकि सच्चाई यह है कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत कदम उठाए और बुजुर्ग को समय पर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया।
पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की अपुष्ट या भ्रामक सूचना पर विश्वास न करें। साथ ही कहा कि इस तरह की अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
फैक्ट चेक में पुलिस ने बताया
घटना लोअर बाजार की है, मॉल रोड की नहीं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सूचना मिलते ही कार्रवाई की गई।पुलिस व एंबुलेंस महज 7 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच गए थे। बुजुर्ग को कुल 15 मिनट के भीतर अस्पताल पहुंचा दिया गया। सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही खबरें पूरी तरह भ्रामक हैं और इनका मकसद पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा