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रायपुर, 30 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी और धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार ननों को लोअर कोर्ट के बाद सेशन कोर्ट से झटका लगा है। सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अब मामला बिलासपुर स्थित एनआईए कोर्ट में सुना जाएगा।
लोअर कोर्ट के बाद सेशन कोर्ट के जज अनीश दुबे ने बताया कि मानव तस्करी का मामला होने के कारण यह प्रकरण हमारे क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। इस मामले में सुनवाई का अधिकार केवल एनआईए कोर्ट को है। अब पीड़िता के वकील राजकुमार तिवारी ने बिलासपुर स्थित एनआईए कोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल दोनों ननों को जेल में ही रहना होगा।
उल्लेखनीय है कि 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए दो ननों और एक युवक को नारायणपुर जिले की तीन लड़कियों को बहला-फुसलाकर आगरा ले जाते हुए रोका था। कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन पर नारेबाजी करते हुए सभी को जीआरपी के हवाले कर दिया था। दुर्ग जीआरपी चौकी में मामले की जांच के बाद धर्मांतरण की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर तीनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्र नारायण शुक्ल