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संत समाज ने कहा-धर्मान्तरण के खिलाफ सडकों पर उतर सकते हैं
-मावली क्षेत्र में धर्मान्तरण प्रशिक्षण केंद्र चलने की आशंका
उदयपुर, 30 जुलाई (हि.स.)। धर्मान्तरण को लेकर देश में एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग को लेकर सांसद मन्नालाल रावत द्वारा मंगलवार को लोकसभा में उठाए गए मुद्दे को कई संगठनों की ओर से समर्थन देते हुए इस विषय पर सरकार को जल्दी निर्णय करने का आग्रह किया गया है। धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक जनप्रतिनिधियों ने कहा कि धर्मान्तरण करने वाले के मन में देश के खिलाफ विचार सृजित किए जा रहे हैं जो देश की अस्मिता और सुरक्षा के लिए भी खतरा हो सकता है। संत समाज ने कहा कि धर्मान्तरण व लवजेहाद के खिलाफ सडकों पर उतरने में भी पीछे नहीं रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि उदयपुर लोकसभा सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने मंगलवार को संसद में धर्मान्तरण को रोकने के लिए ठोस कानून बनाने की मांग की थी और कहा कि देश के 16 राज्यों में धर्मान्तरण के खिलाफ कोई कानून ही नहीं होने से छांगुर बाबा जैसे लोग पनप रहे हैं। डॉ रावत के समर्थन में कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी और उनकी मांग को देश हित के लिए जरुरी बताया।
विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत सह मंत्री सुंदरलाल कटारिया ने कहा कि धर्मान्तरण का विषय पूरे देश में योजनाबद्द तरीके से और लवजेहाद व एक रैकेट के माध्यम से चलाया जा रहा है। राजस्थान के कई जिलों में ऐसे मामले सामने आए है। हाल में विजयनगर भीलवाडा में खुलासा हुआ है। यहां केवल मुस्लिम धर्मान्तरण ही नहीं हो रहा, बल्कि जनजाति इलाकों में ईसाई धर्मान्तरण का खेल भी चल रहा है। धर्मान्तरण करने के बाद उसके मन में देश के खिलाफ विचार डाले जा रहे हैं, इसलिए धर्मान्तरण अब राष्ट्रांतरण हो गया है। कटारिया ने बताया कि हाल में विहिप प्रतिनिधिमंडल राजस्थान के मुख्यमंत्री से मिला था और धर्मान्तरण के खिलाफ विधेयक की मांग की। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे पिछले सत्र में ही यह विधेयक लाने वाले थे। अब आने वाले सत्र में इसको लेकर विचार बनाया जा रहा है। कटारिया ने बताया कि हमने पूर्ण धर्मान्तरण रोकने की मांग उठाई है, क्योंकि जहां भी ऐसे मामले बढते हैं वहां जनसंख्या संतुलन बिगाडकर पृथकतावाद व आतंकवाद को पनपाया जाता है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व देहात जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्तसिंह चौहान ने कहा कि सांसद डॉ रावत की पहल सराहनीय है। जनजाति क्षेत्रों में तेजी से यह बीमारी पनप रही है। जिले के मावली और वल्लभनगर क्षेत्रों में विभिन्न चर्चों के नाम से नई-नई गतिविधियां चल रही है। उनके ध्यान में आया है कि आसोलियों की मादडी मावली में धर्मान्तरण प्रशिक्षण केंद्र चल रहा है। सेवा को माध्यम बनाकर गरीबों की मजबूरी को फायदा उठाया जा रहा है।
भाजपा शहर जिलाध्यक्ष गजपालसिंह राठौड ने कहा कि धर्मान्तरण को लेकर कांग्रेस सरकार उदासीन रही, जबकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर विषय है। भाजपा सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने यह मामला संसद में उठाया है। भाजपा की ओर से यहां धर्मान्तरण के खिलाफ जनजागरण अभियान भी चलाया गया है।
वनवासी कल्याण परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री भगवान सहाय ने कहा कि धर्मान्तरण के खिलाफ केंद्रीय कानून बनना चाहिए। सांसद डॉ रावत ने संसद में यह मांग उठाई है। हम पहले से ही इस पर बोलते रहे हैं। कई प्रांतों में आज भी धर्मान्तरण के खिलाफ कोई कानून नहीं है इसलिए केंद्रीय कानून बनना चाहिए।
सर्व संप्रदाय संत संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष महंत इंद्रदेव दास ने कहा कि धर्मान्तरण के खिलाफ कानून नहीं होने से ही छांगुर बाबा जैसे लोग पनप रहे हैं। हम सांसद डॉ रावत की मांग का समर्थन करते हुए सरकार को जल्द से जल्द कानून बनाने की मांग करते हैं। धर्मान्तरण और लव जेहाद के खिलाफ संत समाज को सडकों पर भी उतरना पडा तो पीछे नहीं हटेंगे। धर्मान्तरण जैसी गतिविधियां हिन्दुस्तान के लिए शर्म की बात है।
बजरंग सेना मेवाड प्रमुख कमलेंद्र सिंह ने कहा कि धर्मान्तरण के खिलाफ बजरंग सेना मेवाड पिछले सालों से आंदोलन कर रही है। कई मामले रोके भी गए हैं, लेकिन पूर्णतया प्रतिबंध के लिए सरकार को केंद्रीय स्तर पर एक कानून बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्मान्तरण एक ऐसी बीमारी है जिसको रोकने का अब समय आ गया है, वरना यह देश को खोखला कर देगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता